रुड़की, 27 अगस्त: फ्रैंकफर्ट से आए एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उत्तराखंड के अधिकारियों और शिक्षाविदों से मुलाकात की, जिसमें प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में आयोजित इस बैठक में इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचार-आधारित उद्यमों जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से बातचीत हुई।
उत्तराखंड प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने किया, जिसमें आईआईटी रुड़की और उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रो. पंत ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के विजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के साथ-साथ लगातार निवेश की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। उन्होंने सेमीकंडक्टर, स्पेस साइंस, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अवसरों पर चर्चा की। प्रो. पंत ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का सहयोग स्थानीय रोजगार सृजन में मददगार होगा और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने स्थिरता, महिला सशक्तिकरण और आपदा पूर्व चेतावनी प्रणालियों में भारत-जर्मनी सहयोग पर भी बल दिया।
जर्मनी के इनोवेशन हब राइन माइन के सीईओ स्टीफन विटेकाइंड ने कहा कि फ्रैंकफर्ट उन भारतीय स्टार्टअप्स और मध्यम आकार की कंपनियों के साथ साझेदारी करना चाहता है, जो जर्मनी और यूरोप की मदद से वैश्विक विस्तार करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल स्किल्स में जर्मनी अग्रिम पंक्ति में है और वह भारतीय संस्थानों तथा उद्यमों के साथ सहयोग को लेकर उत्साहित हैं। दोनों पक्षों ने आशा व्यक्त की कि उत्तराखंड और फ्रैंकफर्ट के बीच घनिष्ठ संबंध नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश के नए द्वार खोलेंगे, जिससे भारत-जर्मनी के सहयोग को और मजबूती मिलेगी।