नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से ही तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसके चलते दोनों देशों के बीच संवाद अक्सर बाधित रहता है। हाल ही में, पाकिस्तान के फील्ड मार्शल सेना प्रमुख आसिम मुनीर द्वारा भारत को परमाणु हमले की धमकी जैसी बयानबाजी ने रिश्तों में और कड़वाहट घोल दी थी। इन सबके बावजूद, एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में, भारत ने पाकिस्तान के अधिकारियों को तवी नदी में संभावित बाढ़ के बारे में जानकारी देकर एक महत्वपूर्ण मानवीय पहल की है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के कई इलाके भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने सोमवार को पाकिस्तान को तवी नदी में संभावित बाढ़ के प्रति आगाह किया। यह खबर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सिंधु जल संधि (IWT) को भारत द्वारा स्थगित कर दिया गया था। ‘द न्यूज’ ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने संभावित बाढ़ के बारे में जानकारी साझा करने के लिए पाकिस्तान से संपर्क स्थापित किया। ध्यान देने योग्य बात यह है कि “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद यह पहला अवसर है जब दोनों देशों के अधिकारियों के बीच इस तरह का संपर्क स्थापित किया गया हो। हालांकि, भारत या पाकिस्तान में से किसी की ओर से इस घटनाक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आमतौर पर, ऐसी जानकारी सिंधु जल आयुक्त के माध्यम से साझा की जाती है। तवी नदी जम्मू से होकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रवेश करती है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि भारत ने रविवार को ही जम्मू में तवी नदी में संभावित बड़ी बाढ़ के बारे में पाकिस्तान को आगाह किया था। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने कथित तौर पर यह चेतावनी दी थी।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच नदियों के जल बंटवारे और संबंधित जानकारी साझा करने के नियम तय किए गए थे। संधि के स्थगित होने के बाद से दोनों देशों के बीच जल संबंधी मामलों पर सीधे संवाद लगभग बंद हो गया था।
ऐसे में, भारत द्वारा पाकिस्तान को बाढ़ की चेतावनी देना, न केवल एक पड़ोसी धर्म का पालन है बल्कि यह भी दर्शाता है कि गंभीर राजनीतिक तनाव के बावजूद, मानवीय संकट के समय सहयोग की गुंजाइश बनी रहती है। पाकिस्तान में वर्तमान में बाढ़ से भारी तबाही हुई है, ऐसे में भारत की यह अग्रिम सूचना हजारों लोगों की जान बचाने और संपत्ति के नुकसान को कम करने में सहायक हो सकती है। यह घटना दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल में एक सकारात्मक और मानवीय पहलू को उजागर करती है, जो भविष्य में किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए एक छोटी सी उम्मीद जगाता है।
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