Delhi: आरकॉम और अनिल अंबानी के परिसरों पर सीबीआई का छापा, बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज – The Hill News

Delhi: आरकॉम और अनिल अंबानी के परिसरों पर सीबीआई का छापा, बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज सुबह देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी पूर्व दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से जुड़े विभिन्न परिसरों पर व्यापक छापेमारी की। यह कार्रवाई एक कथित बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में की जा रही है, जिसके कारण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान होने का अनुमान है। सीबीआई की टीमें सुबह सात बजे से ही अनिल अंबानी के आवास सहित आरकॉम से संबंधित कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआई के कई अधिकारी एक साथ इन ठिकानों पर पहुंचे और महत्वपूर्ण दस्तावेजों, वित्तीय रिकॉर्ड तथा अन्य प्रासंगिक साक्ष्यों की गहनता से जांच कर रहे हैं। छापेमारी के दौरान अनिल अंबानी अपने परिवार के साथ घर पर ही मौजूद थे। यह पूरी कार्रवाई अत्यंत गोपनीय तरीके से शुरू की गई थी और सुबह से ही सुरक्षाकर्मियों ने इन परिसरों को घेर रखा था। जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या कंपनी और उसके शीर्ष अधिकारियों ने बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग किया, या प्राप्त धन का दुरुपयोग किया, जिससे बैंकों को गंभीर वित्तीय हानि हुई।

सीबीआई ने इस मामले में रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके प्रमोटरों के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, अनिल अंबानी के खिलाफ भी बैंक से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। एफआईआर में उन आरोपों का उल्लेख है जो मुख्य रूप से बैंकों से लिए गए ऋणों की अदायगी न करने या उनके गलत इस्तेमाल से संबंधित हैं। यह मामला देश की वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

जांच एजेंसी के दावों के अनुसार, इस कथित धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह राशि वित्तीय गड़बड़ी की गंभीरता को दर्शाती है, जिसने सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। सीबीआई यह जांच कर रही है कि यह विशाल नुकसान किन परिस्थितियों में हुआ और इसमें किन व्यक्तियों या संस्थाओं की सीधी या परोक्ष भूमिका रही है।

गौरतलब है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस पिछले कई वर्षों से गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और उस पर भारी कर्ज है। कंपनी ने दिवालियापन की कार्यवाही का भी सामना किया है। ऐसे में, यह नई सीबीआई कार्रवाई कंपनी के वित्तीय लेन-देन और ऋण प्रबंधन प्रथाओं पर और अधिक प्रकाश डाल सकती है। कंपनी के कई ऋण खाते पहले ही गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) में बदल चुके हैं, जिससे बैंकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। इस छापेमारी से यह उम्मीद है कि बैंक धोखाधड़ी के पीछे के वास्तविक कारणों और जिम्मेदार लोगों का पता चल सकेगा।

यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी को वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ा है। इसी महीने की शुरुआत में, 1 अगस्त को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया था। ईडी की यह जांच भी बड़े पैमाने पर ऋण धोखाधड़ी से संबंधित थी, जिसमें विभिन्न बैंकों से लिए गए ऋणों में कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही थी। सीबीआई की यह ताजा कार्रवाई ईडी की जांच से जुड़ी हो सकती है या यह एक अलग लेकिन संबंधित मामले में की गई कार्रवाई भी हो सकती है, जो रिलायंस कम्युनिकेशंस के वित्तीय संकटों के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है।

सीबीआई की इस कार्रवाई से भारतीय कॉर्पोरेट जगत में हलचल मच गई है और यह एक स्पष्ट संदेश देती है कि वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। आगामी दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां तथा खुलासे होने की संभावना है। जांच एजेंसी सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाने का हर संभव प्रयास करेगी। इस पूरे प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच जारी रहेगी।

 

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