Himachal: सरकार रेस्ट हाउसों का किराया बढ़ाएगी, दुग्ध सहकारी समितियों का पंजीकरण एसडीएम के माध्यम से होगा

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि सरकार प्रदेश के पर्यटन स्थलों में स्थित रेस्ट हाउसों का किराया बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उन रेस्ट हाउसों के लिए नियम तय किए जाएंगे जहां पर्यटक अपने साथ खाना बनाने का सामान लाते हैं। विश्राम गृहों की हालत सुधारने का कार्य भी जारी है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि रेस्ट हाउसों में कम किराए पर कमरे मिलने से होम स्टे का कारोबार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि जहां रेस्ट हाउस में 500 रुपये में कमरे मिल जाते हैं, वहीं होम स्टे में किराया 2000 रुपये तक होता है, जिससे स्थानीय लोगों के रोजगार पर असर पड़ रहा है। सुल्तानपुरी ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए रेस्ट हाउसों का किराया होम स्टे की तर्ज पर करने की मांग की।

एसडीएम से होगा दुग्ध सहकारी समितियों का पंजीकरण: मुकेश अग्निहोत्री
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध सहकारी समितियों का पंजीकरण अब उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) के माध्यम से करवाया जाएगा। कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार तीन रुपये प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि देती है। उन्होंने बताया कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में 8 दुग्ध सहकारी समितियां पंजीकृत हैं, जिनमें से छह समितियों से दूध एकत्रित किया जा रहा है। सरकार इन समितियों से प्रतिदिन औसतन 2720 लीटर दूध एकत्र कर रही है। किसानों का दूध खराब न हो, इसके लिए इंदौरा में रेफ्रिजरेशन की सुविधा पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से एक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित कर रही है।

बागवानी निदेशालय शिमला से शिफ्ट नहीं होगा: जगत सिंह नेगी
शिमला में कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में बागवानी निदेशालय को शिमला से ठियोग शिफ्ट करने का मामला उठाया। जवाब में मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्पष्ट किया कि राजधानी शिमला के नवबहार स्थित बागवानी निदेशालय को शिमला से बाहर किसी दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह निदेशालय वर्ष 1972 से यहीं पर है, विभाग के पास यहां 30 बीघा जमीन है और 412 कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत हैं। राठौर ने शिमला शहर में भीड़भाड़ कम करने और ऊपरी शिमला में बागवानी के प्रमुख कार्य को देखते हुए निदेशालय को ठियोग स्थानांतरित करने की योजना के बारे में पूछा था।

चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए 2025-26 में 135.22 करोड़ रुपये जारी: मुख्यमंत्री सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आनी के भाजपा विधायक लोकिंद्र कुमार के प्रश्न का सदन के पटल पर लिखित उत्तर दिया। उन्होंने बताया कि गत तीन वर्षों में 31 जुलाई 2025 तक राज्य सरकार की ओर से हर वर्ष विभिन्न सरकारी विभागों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए जारी की गई राशि का विवरण प्रस्तुत किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 179.36 करोड़ रुपये, 2023-24 में 179.03 करोड़ रुपये और 2024-25 में 189.11 करोड़ रुपये जारी किए गए। वर्ष 2025-26 में अब तक 135.22 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों को प्रति माह 400 रुपये की दर से चिकित्सा भत्ता जारी किया जा रहा है।

 

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