Uttarakhand: धराली आपदा- पुनर्वास के लिए पहुंची उच्चस्तरीय समिति, ग्रामीणों ने की केदारनाथ की तर्ज पर पुनर्निर्माण की मांग

उत्तरकाशी।

उत्तराखंड के धराली में आई भीषण आपदा के बाद प्रभावितों के पुनर्वास और क्षेत्र के पुनर्निर्माण की कवायद तेज हो गई है। बुधवार को शासन द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का व्यापक निरीक्षण किया और पुनर्वास एवं आजीविका सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक पहलुओं का मूल्यांकन किया। इस समिति में सचिव (राजस्व) डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय, युकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आशीष चौहान तथा अपर सचिव (वित्त) हिमांशु खुराना शामिल रहे।

समिति के सदस्यों ने प्रभावित परिवारों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श कर उनके सुझाव लिए। इस दौरान, आपदा प्रभावित ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए जांगला, लंका एवं कोपांग में सुरक्षित विस्थापन की मांग रखी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण की तर्ज पर ही धराली का भी पुनर्निर्माण किया जाए। इसी अवसर पर, आपदा पीड़ित और सेब उत्पादक कौशिक पंवार ने सेब के सुरक्षित भंडारण के लिए सड़क मार्ग के समीप एक शेड बनाने की मांग रखी, जिस पर जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य ने आश्वासन दिया कि सड़क मार्ग बहाल होते ही शेड का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा।

समिति के अध्यक्ष और सचिव (राजस्व) डॉ. सुरेंद्र नारायण पांडेय ने कहा, “यह त्रासदी अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। केंद्र एवं राज्य सरकार, शासन और प्रशासन इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।” उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रभावित क्षेत्र में तात्कालिक और दीर्घकालिक, दोनों प्रकार के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा और क्षति की भरपाई के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार कर हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने समिति को बताया कि आपदा में क्षतिग्रस्त हुई फसलों और सेब के बगीचों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। सड़क मार्ग की बहाली का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। प्रभावित परिवारों को राहत धनराशि वितरित की जा चुकी है और उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री व आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही, लापता लोगों के लिए सर्च एवं रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है।

युकाडा के सीईओ डॉ. आशीष चौहान और अपर सचिव हिमांशु खुराना ने कहा कि विस्थापन के लिए प्रभावित परिवारों को उपयुक्त विकल्प दिए जाएंगे, जिनके आधार पर ही विस्थापन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का संपूर्ण विवरण तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

 

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