उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र 2025 की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने सत्र की सबसे बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि ‘विकसित यूपी’ के विजन पर 13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे सदन में चर्चा होगी। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों को नकारात्मकता छोड़कर सार्थक बहस में भाग लेने की अपील की और नसीहत भी दी।
‘विकसित यूपी’ के विजन पर 24 घंटे की मैराथन चर्चा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ‘विकसित यूपी’ का विजन लेकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि इस विशेष सत्र में सरकार अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना को सदन के पटल पर रखेगी। इस विजन को नीति आयोग और विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि आगामी 13 और 14 अगस्त को इस विजन पर लगातार 24 घंटे सदन में गहन चर्चा होगी, जिस पर सर्वदलीय बैठक में सभी नेताओं के बीच सहमति बन चुकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह चर्चा न केवल विधानसभा और विधान परिषद में होगी, बल्कि आम जनता की राय को भी इस विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि 2047 तक जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब उत्तर प्रदेश भी ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में तैयार होगा।
सवालों के जवाब के लिए तैयार, रचनात्मक बहस की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि प्रश्नकाल में जनप्रतिनिधि जनहित से जुड़े सवाल उठाएंगे, जबकि शून्यकाल में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने सभी दलों से समय का सदुपयोग करने और नकारात्मकता से बचने की अपील करते हुए कहा, “हम सभी प्रस्तावों का स्वागत करेंगे जो सदन में चर्चा के लिए आएंगे। युवाओं के हित, यूपी के विकास और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न करने वालों को जनता स्वयं जवाब देगी।”
बाढ़, स्वास्थ्य और शिक्षा रहेंगे प्रमुख मुद्दे
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसून सत्र में बाढ़ और जलजमाव जैसे मौसमी मुद्दों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, गरीब कल्याण और सभी वर्गों के उत्थान से जुड़े विषयों पर भी गहन परिचर्चा होगी। उन्होंने पिछले साढ़े आठ वर्षों में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त की है।
विपक्ष पर साधा निशाना, नकारात्मकता से बचने की दी सलाह
इस दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा विकास के बजाय नकारात्मकता पर केंद्रित रहता है। उन्होंने कहा, “पहले जब हमने 36 घंटे की कार्यवाही को आगे बढ़ाया था, तब भी सपा ने इसका विरोध किया और असंसदीय शब्दों का उपयोग किया, जिसके लिए वे पहले से ही कुख्यात हैं।” उन्होंने विपक्ष से एक बार फिर सकारात्मक और विकासोन्मुखी चर्चा में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यूपी विधानमंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है और यहां होने वाली चर्चाएं पूरे देश के लिए एक नजीर बनती हैं।