Uttarpradesh: यूपी विधानसभा में पहले दिन ही जोरदार हंगामा, ‘गुंडा टैक्स’ पर सीएम योगी के बयान से भड़के सपाई

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का पहला दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार टकराव और हंगामे की भेंट चढ़ गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के व्यापारियों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोला, जिसके बाद सपा सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सीएम योगी का सपा पर तीखा हमला

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए कहा, “गोरखपुर और प्रदेश के व्यापारियों में आपके प्रति आक्रोश है। व्यापारी इसी बात को लेकर आशंकित थे कि उनके विकास के लिए कोई काम नहीं हुआ है।” उन्होंने हाल ही में नेता प्रतिपक्ष के गोरखपुर दौरे पर हुए विरोध का जिक्र करते हुए कहा, “व्यापारियों ने तो आपका सम्मान किया था, लेकिन यदि कोई और होता तो बहुत कायदे से आपको जवाब देता। सपा से यह उम्मीद ही नहीं की जा सकती कि वे सुरक्षा और विकास की बात करेगी।”

सीएम योगी ने आगे कहा कि गोरखपुर में विकास के लिए अतिक्रमण हटाकर सड़कें बनाई जा रही हैं, लेकिन सपा अपने समय में कोई विकास कार्य न करने के बावजूद भाजपा सरकार के विकास का भी विरोध कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “नेता विपक्ष गोरखपुर में राजनीति करने गए थे, तब व्यापारियों ने आपका विरोध किया था। यह विरोध स्थानीय व्यापारियों में गुंडा टैक्स की वसूली को लेकर जो भय था, उसी का नतीजा था और इसी का खामियाजा आपको भुगतना पड़ा।”

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष के अपमान का मुद्दा बनाकर सपा विधायक नारेबाजी करने लगे। नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच करा ले, और अगर वह दोषी हैं तो उन पर कार्रवाई हो, और कोई और दोषी है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे कोई विषय ही नहीं माना। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन हंगामा न थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन के बाहर भी ‘पोस्टर वार’

यह टकराव सिर्फ सदन के भीतर ही नहीं, बल्कि विधान भवन परिसर में भी देखने को मिला। समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के सदस्य भी जवाबी पोस्टर लेकर सामने आ गए। भाजपा एमएलसी व प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश ने एक पोस्टर लगाकर सपा की ‘पीडीए पाठशाला’ पर तंज कसा। पोस्टर में ‘A फॉर अखिलेश व D फॉर डिम्पल’ पढ़ाने का आरोप लगाते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव से माफी मांगने की मांग की गई।

हंगामे से पहले, सत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने सभी विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों का स्वागत करते हुए सत्र की सफलता की कामना की थी और उम्मीद जताई थी कि यह सत्र उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

Pls read:Uttarpradesh: रक्षाबंधन पर योगी सरकार का बड़ा तोहफा- 36 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं के खाते में समय से पहले पहुंची पेंशन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *