संगरूर।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के ग्रामीण बुनियादी ढांचे को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि प्रदेश की 19,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने इस निर्माण कार्य में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक नई नीति का भी ऐलान किया, जिसके तहत अब संबंधित ठेकेदार को ही पांच साल तक सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी लेनी होगी।
शहीद भगत सिंह ढढोगल की पुण्यतिथि पर रविवार को आयोजित एक समारोह में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “पहले ऐसा होता था कि सड़क बनने के कुछ समय बाद ही बिखर जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि पांच साल से पहले सड़क टूटी, तो उसका पुनर्निर्माण खुद ठेकेदार को अपने खर्चे पर करवाना होगा।”
पंचायत की सहमति पर ही होगा ठेकेदार को भुगतान
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एक और महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “इतना ही नहीं, ठेकेदारों को भुगतान अधिकारियों की मर्जी से नहीं, बल्कि पंचायतों की सहमति मिलने के बाद ही किया जाएगा। एक-एक पैसा पूरी ईमानदारी से खर्च होगा।” उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे सड़क निर्माण के काम पर पूरी निगरानी रखकर इसमें सहयोग दें।
इस अवसर पर उन्होंने शहीद भगत सिंह ढढोगल को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि अकाली आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के कारण उन्हें 10 साल की सजा हुई थी और बाद में उन्होंने गुरुद्वारा सुधार आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने उनकी स्मृति में यहां दो सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
किसानों और गांवों के विकास पर सरकार का जोर
समारोह के बाद, मुख्यमंत्री मान सुनाम ऊधम सिंह वाला में अपने पैतृक गांव सतौज भी गए, जहां ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वह अपने गांव कभी मुख्यमंत्री बनकर नहीं आते, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों का आशीर्वाद लेने आते हैं। उन्होंने दिड़बा विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेते हुए कहा कि पंजाब हर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास का साक्षी बन रहा है।
किसानों को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा, “मैंने बिना ट्यूबवेल के धान की खेती सुनिश्चित करने का वादा किया था। मुझे गर्व है कि अब नहर का पानी राज्य के अंतिम छोर पर बसे दूरदराज गांवों तक भी पहुंच गया है।” उन्होंने बताया कि सरकार ने पूरे पंजाब में 15,947 जलमार्गों (खालों) को पुनर्जीवित किया है, जिससे किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है और यह देखकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने गांव के विकास के लिए पंचायत को चेक भी सौंपा और ग्रामीणों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने का वादा किया।
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