Uttarakhand: पिथौरागढ़ जिला देश से कटा, कैलाश यात्री फंसे, नदियां उफान पर – The Hill News

Uttarakhand: पिथौरागढ़ जिला देश से कटा, कैलाश यात्री फंसे, नदियां उफान पर

पिथौरागढ़।

उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जिले का संपर्क देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया है, सामरिक महत्व के कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग सहित 25 से अधिक सड़कें बंद हैं और कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है।

यातायात ठप, कैलाश यात्री धारचूला में फंसे

बारिश का सबसे ज्यादा असर जिले की जीवनरेखा माने जाने वाले सड़क मार्गों पर पड़ा है। सामरिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग लगातार चौथे दिन भी बंद है, जिसके कारण चौथे दल के तीर्थयात्री आधार शिविर धारचूला में ही फंसे हुए हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग घाट बैंड और धारचूला के पास दोबाट में भूस्खलन के कारण बंद है, जिससे जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ का मैदानी क्षेत्रों और अन्य जिलों से संपर्क कट गया है।

इसके अलावा, तीन महत्वपूर्ण सीमा सड़कें—तवाघाट-लिपुलेख, तवाघाट-सोबला-दारमा और मुनस्यारी-मिलम मार्ग—भी चौथे दिन से बंद पड़ी हैं। थल-मुनस्यारी जिला मार्ग दो स्थानों पर बाधित है और इसका पचास मीटर से अधिक हिस्सा पूरी तरह बह गया है, जहां अब सड़क की जगह नाला बह रहा है। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग को करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद छोटे वाहनों के लिए खोला जा सका है।

पहाड़ दरकने से कई परिवार बेघर

बारिश और भूस्खलन का कहर अब लोगों के घरों तक पहुंच गया है। मुनस्यारी के दाफा गांव में पहाड़ दरकने से 15 परिवार प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने गांव में ही दूसरे के घरों में शरण ली है। चचना गांव के प्रभावित परिवारों को प्राथमिक विद्यालय मडलकिया में बनाए गए राहत केंद्र में रखा गया है। वहीं, मदकोट में मंदाकिनी नदी के तेज कटाव से डाबरी गांव के आठ परिवार खतरे में आ गए हैं और उन्होंने प्रशासन से खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की मांग की है।

खतरे के निशान के करीब नदियां

लगातार हो रही बारिश से जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं:

  • काली नदी: 889.85 मीटर पर बह रही है (खतरे का निशान: 890 मीटर)।

  • गोरी नदी: 605.40 मीटर पर बह रही है (चेतावनी स्तर: 606.80 मीटर)।

  • सरयू नदी: 451 मीटर पर पहुंच चुकी है (चेतावनी स्तर: 452 मीटर)।

प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिला प्रशासन और पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है। सड़कों पर पहाड़ों से लगातार गिर रहे पत्थरों और मलबे के कारण लोगों से केवल आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की अपील की गई है। सभी पुलिस थानों, चौकियों और आईटीबीपी की चौकियों को सतर्क कर दिया गया है और लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।

 

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