मॉस्को। रूस और अमेरिका के बीच वैश्विक मंच पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। रूस ने सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह अपना वैश्विक वर्चस्व कायम रखने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों के खिलाफ एक ‘नव-उपनिवेशवादी’ (Neo-colonialist) नीति अपना रहा है। रूस ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाकर एक बहुपक्षीय और समानता पर आधारित वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह बयान रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने दिया। उनका यह कड़ा रुख ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की थी, जिससे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
क्या है ‘ग्लोबल साउथ’ और रूस का आरोप?
‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का उपयोग आम तौर पर उन विकासशील, अल्प-विकसित या गरीब देशों के लिए किया जाता है जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।
मारिया ज़खारोवा ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध और टैरिफ एक “दुखद वास्तविकता” बन गए हैं, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया, “वॉशिंगटन अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए ‘नव-उपनिवेशवादी नीति’ अपना रहा है। जो देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके पीछे नहीं चलना चाहते, उनके खिलाफ वह राजनीतिक दबाव बनाने के लिए आर्थिक साधनों का बेशर्मी से उपयोग कर रहा है।”
उन्होंने ट्रंप की नई टैरिफ नीति को ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों की संप्रभुता पर “प्रत्यक्ष अतिक्रमण” और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का एक घृणित प्रयास करार दिया।
BRICS के सहारे बहुपक्षीय विश्व की वकालत
रूस ने अमेरिकी नीति का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति भी साफ कर दी है। ज़खारोवा ने कहा, “ग्लोबल साउथ के देशों में हमारे कई साझेदार और समान विचारधारा वाले सहयोगी हैं जो हमारे इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं।” उन्होंने इस संदर्भ में ब्रिक्स (BRICS) समूह का विशेष रूप से उल्लेख किया।
ब्रिक्स, जो मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन था, अब तेजी से विस्तार कर रहा है। 2024 में इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हुए, और 2025 में इंडोनेशिया भी इसका सदस्य बनने जा रहा है। ज़खारोवा ने कहा, “हम इन देशों के साथ अवैध एकतरफा प्रतिबंधों का मुकाबला करने और एक वास्तविक बहुपक्षीय, निष्पक्ष और समान विश्व व्यवस्था बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने को तैयार हैं।”
रूस ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियां वैश्विक आर्थिक मंदी, आपूर्ति श्रृंखलाओं (Supply Chains) को नुकसान और पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। यह उन मुक्त व्यापार के सिद्धांतों के भी खिलाफ है, जिन्हें कभी पश्चिमी देशों ने ही बढ़ावा दिया था।