देहरादून:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “नशा मुक्त उत्तराखंड” अभियान को जमीन पर उतारते हुए राज्य के खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने देहरादून और हरिद्वार में बड़ी कार्रवाई की है। इस सघन अभियान के तहत जहां देहरादून में एक थोक औषधि विक्रेता की फर्म को सील किया गया, वहीं हरिद्वार में नशीली दवा ट्रामाडोल की एक बड़ी खेप को बनने से पहले ही रोक दिया गया।
देहरादून में थोक विक्रेताओं पर छापेमारी, फर्म सील
विभाग की टीम ने देहरादून में 5 थोक औषधि विक्रेताओं के परिसरों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान एक फर्म बंद पाई गई, जिसे मकान मालिक की उपस्थिति में खोला गया। जांच में फर्म के भीतर अवैध रूप से भंडारित मनः प्रभावी औषधियाँ (Psychotropic Medicines) पाई गईं। फर्म का मालिक मौके पर मौजूद नहीं था, जिसके चलते नियमानुसार सभी दवाओं को जब्त कर उनके क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगा दी गई और फर्म को अग्रिम कार्रवाई के लिए सील कर दिया गया।
हरिद्वार में ट्रामाडोल की बड़ी खेप पकड़ी
एक अन्य बड़ी कार्रवाई में, जनपद हरिद्वार में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती और उनकी टीम ने छापामारी कर लगभग साढ़े तीन लाख ट्रामाडोल टैबलेट्स को निर्माण से पहले ही रोक दिया। टीम ने टैबलेट बनाने में इस्तेमाल होने वाले सक्रिय औषधीय घटक (API) को जब्त कर लिया, जिससे एक बड़ी आपराधिक आपूर्ति श्रृंखला को समय रहते तोड़ा जा सका। इस कार्रवाई के चलते पंजाब में सप्लाई हो रही ट्रामाडोल की एक बड़ी खेप को पकड़ने में भी मदद मिली।
यह संयुक्त कार्रवाई पंजाब पुलिस के साथ मिलकर हरिद्वार स्थित लूसेंट बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में की गई। इसका आधार पंजाब में जब्त की गईं 70,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स थीं, जिनका निर्माण इसी कंपनी द्वारा किया गया था।
अधिकारियों ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य को नशामुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। विभाग को मियाद समाप्त दवाओं, अवैध भंडारण और बिना लाइसेंस संचालन जैसे मामलों में कोई ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाली फर्मों के खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।”
इसके अलावा, देहरादून के टर्नर रोड पर एक प्लॉट से फेंकी गईं मियाद समाप्त दवाएं भी बरामद की गईं, जिन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इस मामले में संलिप्त व्यक्ति या फर्म की पहचान की जा रही है। निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता जांच हेतु तीन औषधियों के नमूने भी लिए गए हैं, जिन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य में इस तरह के औचक निरीक्षण और सतर्कता अभियान नियमित रूप से जारी रहेंगे।
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