Punjab: पंजाब परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार पर हंटर, 10 कर्मचारी किए बर्खास्त

चंडीगढ़।

पंजाब के परिवहन विभाग में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ एक बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई है। राज्य के कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) जारी करने में धांधली के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाते हुए 10 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। इसके साथ ही, एक वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया गया है और एक डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।

मंत्री भुल्लर के आदेश पर की गई इस व्यापक कार्रवाई में 9 डेटा एंट्री ऑपरेटर और एक सुरक्षाकर्मी शामिल हैं, जिन्हें विभाग ने आउटसोर्सिंग के आधार पर नियुक्त किया था। इन सभी पर भ्रष्टाचार और विभागीय प्रक्रियाओं के उल्लंघन में संलिप्त होने के गंभीर आरोप थे। इसके अलावा, इसी मामले में संलिप्तता के आरोप में एक वरिष्ठ सहायक को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, विभाग के कामकाज की निगरानी के लिए जिम्मेदार डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से भी जवाब-तलब किया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उनकी देखरेख में यह सब कैसे चल रहा था।

यह कार्रवाई परिवहन विभाग में फैले उस संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई है, जिसकी शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। आरोप थे कि कुछ कर्मचारी और अधिकारी पैसों के बदले बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे थे, वाहनों की आरसी में हेरफेर कर रहे थे और अन्य विभागीय कार्यों के लिए आम जनता से अवैध वसूली कर रहे थे। इस सिंडिकेट के कारण न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा था, बल्कि अयोग्य लोगों को लाइसेंस मिलने से सड़क सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा था।

परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने इस कार्रवाई पर कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कोई भी जनता के काम में बाधा डालेगा या अवैध तरीकों से पैसे की मांग करेगा, उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य विभाग में पारदर्शिता लाना और आम लोगों को बिना किसी परेशानी के समय पर सेवाएं प्रदान करना है।

इस बड़ी कार्रवाई को परिवहन विभाग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विभाग के अन्य कार्यालयों में भी इस तरह की औचक जांच और कार्रवाई हो सकती है, ताकि पूरे सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि परिवहन विभाग से जुड़ी सभी सेवाएं पूरी तरह से पारदर्शी और नियम-कानून के दायरे में हों।

 

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