देहरादून।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने 12 जुलाई, 2025 को राष्ट्र सेवा के 44 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए। इस विशेष अवसर पर, देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में नाबार्ड के उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय में 44वां स्थापना दिवस समारोह बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के सहकारिता, स्वास्थ्य एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की। समारोह में उत्तराखंड के ग्रामीण विकास में नाबार्ड के योगदान को सराहा गया, वहीं कृषि क्षेत्र की चुनौतियों, विशेषकर घटते किसानों की संख्या पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत में कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया और उनके द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों की जमकर सराहना की। इस दौरान एक लघु फिल्म के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में नाबार्ड की 44 वर्षों की यात्रा और उत्तराखंड में संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं को प्रदर्शित किया गया।
“समावेशी विकास हेतु ग्रामीण उद्यम का प्रोत्साहन” विषय पर एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया, जिसमें गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। नाबार्ड के महाप्रबंधक श्री शशि कुमार ने स्वागत भाषण में नाबार्ड की चार दशकों की उपलब्धियों और उत्तराखंड में क्रियान्वित परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। मुख्य महाप्रबंधक श्री पंकज यादव ने अपने अभिभाषण में कहा कि नाबार्ड किसानों, सहकारी संस्थाओं और ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उत्तराखंड के हर कोने का विकास सुनिश्चित हो सके।
मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड के विकास में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए उसका आभार व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर गहरी चिंता जताई कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में किसानों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर विषय है और इसके समाधान के लिए सरकार और नाबार्ड को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है और बहुउद्देशीय सहकारी समितियों में सचिव की नियुक्ति के लिए मॉडल बाय-लॉज एक्ट लागू किया गया है।
कृषि एवं कृषक कल्याण सचिव, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय ने नाबार्ड को बधाई देते हुए जलवायु अनुकूल कृषि के साथ-साथ एफपीओ को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए चार बहुउद्देशीय-प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (M-PACS) और तीन जिला सहकारी बैंकों को पुरस्कृत किया गया। सम्मानित समितियों में मोटाहल्दू (नैनीताल), सेमंडीधार (टिहरी गढ़वाल), सहसपुर (देहरादून) और नाई (नैनीताल) शामिल हैं। वहीं, जिला सहकारी बैंक यू.एस. नगर, चमोली और कोटद्वार को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, सरकारी विभागों के प्रमुख, एनजीओ और नाबार्ड के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।