शिमला। हिमाचल प्रदेश के दूध उत्पादकों के लिए एक बड़ी राहत देते हुए, राज्य सरकार ने पंजीकृत दुग्ध समितियों के लिए माल ढुलाई सब्सिडी को 1.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। सरकार के इस फैसले के लिए आभार व्यक्त करने के लिए कामधेनु हितकारी समिति से जुड़े दूध उत्पादकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बढ़ोतरी से कामधेनु हितकारी समिति से जुड़े लगभग 6000 परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जो अपने दूध उत्पादकों को इस तरह की माल ढुलाई सब्सिडी प्रदान कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने किसानों की समस्याओं को हल करने के प्रति मुख्यमंत्री के संवेदनशील दृष्टिकोण और इस सहानुभूतिपूर्ण कदम के लिए उनका हृदय से धन्यवाद किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हाथों में अधिक पैसा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक पहल कर रही है। उन्होंने कहा, “हिमाचल दूध पर सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने वाला देश का पहला राज्य है।” उन्होंने बताया कि प्रदेश में पशुपालकों से गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है, जो देश में सर्वाधिक है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अन्य योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं, मक्का, जौ और कच्ची हल्दी के लिए भी आकर्षक एमएसपी प्रदान कर रही है। इन फसलों को क्रमशः 60 रुपये, 40 रुपये, 60 रुपये और 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी घरेलू आय बढ़ाने और अपनी आजीविका को बेहतर बनाने के लिए इन योजनाओं का भरपूर लाभ उठाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस वर्ष सितंबर के पहले सप्ताह में कामधेनु दुग्ध समिति द्वारा आयोजित किए जाने वाले एक समारोह में भी शामिल होंगे।
इस अवसर पर उपस्थित विधायक संजय अवस्थी ने भी इस पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों, दिहाड़ी मजदूरों और समाज के अन्य वंचित वर्गों की समस्याओं को भली-भांति समझते हैं और हमेशा इन मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।