Himachal: सरकारी सड़कों के पंजीकरण के लिए 2025 की डेडलाइन, शोंगटोंग परियोजना में तेजी लाने के निर्देश

शिमला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट उप-समितियों की दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं, जिनमें सरकारी संपत्तियों के पंजीकरण और एक प्रमुख जलविद्युत परियोजना की प्रगति पर बड़े निर्देश दिए गए। पहली बैठक में सरकारी संपत्तियों, विशेष रूप से लोक निर्माण विभाग (PWD) की सड़कों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया गया, जबकि दूसरी बैठक में 450 मेगावाट की शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना की समीक्षा की गई।

सरकारी संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य

मुआवजा दावों से संबंधित मामलों के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति की बैठक में राजस्व मंत्री ने सरकारी संपत्तियों, खासकर PWD सड़कों के स्वामित्व को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने की प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने PWD के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी उपायुक्तों और अन्य राजस्व अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहें कि 20 वर्षों से अधिक पुरानी सभी सरकारी संपत्तियों और सड़कों की गिरदावरी (फील्ड निरीक्षण) की जाए और उन्हें राजस्व रिकॉर्ड में विधिवत दर्ज किया जाए।

श्री नेगी ने इस संबंध में 1 अगस्त, 2025 तक आवश्यक कार्रवाई पूरी करने और इसकी अनुपालन रिपोर्ट कैबिनेट उप-समिति को सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में राज्य भर में 214 PWD सड़कों का कब्जा सरकार के नाम पर दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सड़कें राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसलिए उनके उचित रखरखाव और देखभाल के लिए उनका स्वामित्व स्पष्ट रूप से PWD के पास होना अनिवार्य है।

शोंगटोंग परियोजना 2026 तक होगी पूरी

इसके बाद, राजस्व मंत्री ने एक अन्य कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें HPPCL द्वारा विकसित की जा रही 450 मेगावाट की शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि परियोजना दिसंबर, 2026 से पहले पूरी हो जाए। उन्होंने काम की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सकारात्मक संकेत परियोजना के शीघ्र पूरा होने की ओर इशारा कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि नदी पर डायवर्जन का काम पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि बैराज का निर्माण अंतिम चरण में है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों को और HPPCL द्वारा ठेकेदारों को समय पर भुगतान किया जाए ताकि काम की गति बनी रहे। बैठक में परियोजना में शामिल पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ADHL कंपनी के प्रतिनिधियों ने भी चल रहे कार्यों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

इन बैठकों में शहरी नियोजन, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, जो उप-समिति के सदस्य भी हैं, PWD सचिव डॉ. अभिषेक जैन, HPPCL के प्रबंध निदेशक आबिद हुसैन सादिक, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रास्कॉन और विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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