Punjab: पंजाब में डायरिया के खिलाफ महाअभियान, घर-घर बांटे जाएंगे ORS-जिंक किट

चंडीगढ़। पंजाब में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को “स्टॉप डायरिया अभियान 2025” (STOP Diarrhoea Campaign 2025) का शुभारंभ किया। यह दो महीने तक चलने वाला एक सघन अभियान है, जिसका सीधा उद्देश्य बचपन में होने वाले डायरिया से निपटना है, जो बच्चों की मौत का एक प्रमुख, लेकिन पूरी तरह से रोका जा सकने वाला कारण है। इस अवसर पर मंत्री ने जागरूकता पोस्टर का भी अनावरण किया।

इस पहल पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “डायरिया बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है – और हर एक मौत एक दुखद और टाली जा सकने वाली क्षति है। यह अभियान हर बच्चे को जागरूकता, रोकथाम और समय पर उपचार के माध्यम से बचाने का हमारा संकल्प है।”

PPT रणनीति से होगा डायरिया पर वार

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग इस अभियान के लिए एक त्रि-आयामी (PPT) यानी रोकथाम-सुरक्षा-उपचार (Prevent-Protect-Treat) रणनीति अपनाएगा, जो विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले मानसून महीनों को लक्षित करेगी। इस रणनीति के तहत निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:

  • आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर ओआरएस-जिंक किट का वितरण किया जाएगा।

  • सभी स्वास्थ्य संस्थानों और आंगनवाड़ियों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे।

  • मामलों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के कौशल को बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा, “किसी भी बच्चे की मौत एक इलाज योग्य बीमारी से नहीं होनी चाहिए। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर स्वास्थ्य केंद्र पर ओआरएस, जिंक, आईवी फ्लूइड्स और एंटीबायोटिक्स उपलब्ध हों।”

सामुदायिक जागरूकता और अंतर-विभागीय सहयोग

जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह अभियान हाथ धोने, सुरक्षित पेयजल, विशेष रूप से स्तनपान, स्वच्छता और टीकाकरण के लिए सामुदायिक लामबंदी को प्राथमिकता देता है। उन्होंने आग्रह किया, “डायरिया को रोका जा सकता है – साफ हाथ, साफ पानी और समय पर देखभाल जानें बचा सकती है।” उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायती राज के नेताओं, स्वयं सहायता समूहों, शिक्षकों और अभिभावकों से भी सहयोग का आह्वान किया।

मंत्री ने कहा कि पंजाब डायरिया के मूल कारणों को संबोधित करने के लिए शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल एवं स्वच्छता, और ग्रामीण विकास विभागों के साथ अंतर-विभागीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह सिर्फ एक स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है – यह पंजाब के भविष्य की लड़ाई है। हम सब मिलकर संक्रमण की इस श्रृंखला को तोड़ेंगे।”

रेबीज उन्मूलन के लिए भी हुआ समझौता

इसी अवसर पर, राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एसएएस नगर स्थित एक पशु कल्याण एनजीओ ‘पीडू’ (Peedu) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य 2030 तक राज्य से रेबीज के उन्मूलन के लिए एक कार्य योजना तैयार करने की दिशा में समन्वित प्रयास करना है।

इस मौके पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, निदेशक परिवार कल्याण डॉ. जसमिंदर, निदेशक एनएचएम डॉ. बलविंदर कौर सहित स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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