गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले में मानसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा असर चारधाम यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में से एक, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ रहा है, जो बार-बार हो रहे भूस्खलन के कारण बाधित हो रहा है। इसके साथ ही, जिले के ग्रामीण इलाकों में भी संपर्क मार्ग टूटने और बिजली आपूर्ति ठप होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बार-बार बंद हो रहा बदरीनाथ हाईवे
शुक्रवार को भी हाईवे पर भूस्खलन का सिलसिला जारी रहा। राष्ट्रीय राजमार्ग कर्णप्रयाग से जोशीमठ के बीच कई स्थानों पर अवरुद्ध हुआ। सुबह भनेरपानी और नंदप्रयाग में भारी मलबा आने से यातायात थम गया, जिसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अथक प्रयासों के बाद सुचारू किया गया। इसके कुछ ही देर बाद, बद्रीश होटल के निकट उम्मटा में भी मलबा आने से मार्ग फिर बंद हो गया, जिसे बाद में यातायात के लिए खोल दिया गया।
इससे पहले गुरुवार रात को भी भारी वर्षा के कारण नंदप्रयाग के पर्थाडीप में भीषण भूस्खलन हुआ था, जिसके चलते तड़के से ही हाईवे बंद था। इस दौरान यात्री वाहनों को वैकल्पिक सैकोट मार्ग से भेजा गया। कड़ी मशक्कत के बाद सुबह करीब 11 बजे पर्थाडीप में हाईवे को यातायात के लिए खोला जा सका, जिसके बाद यात्रा सुचारू हुई। इन तमाम बाधाओं के बावजूद, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों का उत्साह बना हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी मुश्किलें
बारिश का असर सिर्फ मुख्य हाईवे तक ही सीमित नहीं है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शुक्रवार सुबह तक जिले के 28 ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद थे, जिनमें से शाम तक केवल 11 मार्गों को ही खोला जा सका। अभी भी 17 महत्वपूर्ण ग्रामीण मार्ग बंद हैं, जिससे गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है।
इसके अलावा, गुरुवार रात आठ बजे से सिमली क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आवासीय भवन को भी पहुंचा नुकसान
आपदा का असर लोगों के घरों पर भी पड़ने लगा है। बीती रात हुई भारी बारिश से विकासखंड पोखरी के बमोथ गांव में एक आवासीय भवन के आगे की रेलिंग और कॉलम क्षतिग्रस्त होकर ढह गया। पीड़ित परिवार के सदस्य सतीश टम्टा ने बताया कि हादसे के बाद उनके परिवार ने डर के मारे सुरक्षित स्थान पर शरण लेकर रात गुजारी। उन्होंने तहसील प्रशासन से क्षति का आकलन कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और बंद मार्गों को खोलने तथा आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है।