पिथौरागढ़।
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन का दौर जारी है। मंगलवार को मुनस्यारी-मिलम मोटर मार्ग पर रलगाडी और बोगड़ियार के बीच एक बड़ी चट्टान खिसकने से मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। इस भूस्खलन के कारण मल्ला जोहार घाटी से पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र खरीदने और दाखिल करने आ रहे कई लोग रास्ते में ही फंस गए हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
यह मोटर मार्ग चीन सीमा से सटे दर्जनों उच्च हिमालयी माइग्रेशन गांवों को जोड़ने वाली एकमात्र जीवन रेखा है। भूस्खलन के कारण माइग्रेशन वाले गांव मिलम, बूर्फू, मापा, रिलकोट, टोला, मर्तोली, पाछू, गनघर, ल्वां, लास्पा और बिल्जू का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह भंग हो गया है। इन गांवों से बड़ी संख्या में लोग पंचायत चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नामांकन प्रक्रिया हेतु मुनस्यारी आ रहे थे, लेकिन अब वे रास्ते में ही আটকে गए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से तत्काल मार्ग खोलने की मांग की है। नामांकन की एक निश्चित समय सीमा होती है और अगर मार्ग जल्द नहीं खुला तो कई उम्मीदवार चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित रह सकते हैं। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
इस बीच, तहसील प्रशासन ने जानकारी दी है कि मार्ग खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) को सूचित कर दिया गया है। बीआरओ को तत्काल मौके पर मशीनरी भेजने के लिए कहा गया है, ताकि मलबे को हटाकर जल्द से जल्द यातायात बहाल किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि मुनस्यारी-मिलम मोटर मार्ग सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल स्थानीय माइग्रेशन आबादी के लिए बल्कि सेना और आईटीबीपी के जवानों की आवाजाही के लिए भी अहम है। मानसून के मौसम में इस संवेदनशील क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, जिससे स्थानीय जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। अब सभी की निगाहें बीआरओ के सड़क खोलने के अभियान पर टिकी हैं, ताकि फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ सके।