Uttarakhand: केदारनाथ हादसा: समय से पहले उड़ान बनी जानलेवा, आर्यन कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा

रुद्रप्रयाग/देहरादून।

केदारनाथ में हुए दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसे में अब एक बड़ा मोड़ आया है, जिसमें मानवीय लापरवाही और नियमों की घोर अनदेखी की बात सामने आ रही है। खराब मौसम को हादसे का शुरुआती कारण बताए जाने के बाद, अब इस मामले में आर्यन एविएशन कंपनी के दो वरिष्ठ मैनेजरों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है। फाटा के राजस्व उप निरीक्षक ने सोनप्रयाग कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि यह हादसा कंपनी की लापरवाही के कारण हुआ, जिसमें सात लोगों की जान चली गई।

नियमों की अनदेखी और समय से पहले उड़ान

पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, हेली कंपनी द्वारा नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की खुलेआम अनदेखी की गई। आर्यन हेली कंपनी को सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच का फ्लाइंग स्लॉट आवंटित किया गया था, लेकिन कंपनी ने अपने हेलिकॉप्टर को निर्धारित समय से लगभग एक घंटा पहले, सुबह 5:11 बजे ही उड़ान के लिए भेज दिया।

केदारनाथ से वापसी के दौरान सुबह लगभग 5:24 बजे यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के पास गौरीमाई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तहरीर में कंपनी के बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक पर अपने दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। उन्हें ही इस हादसे में हुई सात मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार माना गया है। पुलिस ने दोनों मैनेजरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, भारतीय न्याय संहिता 2023 और वायुयान अधिनियम 1934 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कोहरे में पलक झपकते ही राख हो गईं सात जिंदगियां

यह दुखद हादसा रविवार सुबह तब हुआ, जब आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के छह यात्रियों को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुआ। गौरीकुंड से लगभग पांच किलोमीटर ऊपर जंगल क्षेत्र में घने कोहरे और शून्य दृश्यता (Visibility) के कारण हेलिकॉप्टर एक पेड़ से टकरा गया और आग के गोले में तब्दील होकर जमीन पर आ गिरा। इस हादसे में पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान सहित सभी छह यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जिसमें एक 23 महीने की बच्ची भी शामिल थी। सूचना मिलते ही NDRF, SDRF और पुलिस की टीमों ने दुर्गम क्षेत्र में पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और शवों को बरामद किया।

कंपनी देगी मुआवजा, DGCA ने लगाई रोक

हादसे के बाद आर्यन हेली एविएशन कंपनी ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। कंपनी के एकाउंटेबल मैनेजर के. पाठक ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। वहीं, घटना की गंभीरता को देखते हुए DGCA ने अगले दो दिनों के लिए केदारनाथ घाटी में सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं के संचालन पर रोक लगा दी है। इस हादसे ने एक बार फिर केदारनाथ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हेली सेवाओं के संचालन में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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