देहरादून: नवरात्रि के दौरान मिलावटी कुट्टू के आटे की बिक्री रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत अब कुट्टू का आटा केवल सीलबंद पैकेटों में ही बेचा जा सकेगा। खुले में कुट्टू का आटा बेचने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
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केवल सीलबंद पैकेट: कुट्टू का आटा अब केवल सीलबंद पैकेटों में ही बेचा जा सकेगा। खुले में बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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लाइसेंस अनिवार्य: कुट्टू का आटा बेचने के लिए खाद्य लाइसेंस होना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
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लेबलिंग नियमों का पालन: पैकेट पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के अनुसार लेबलिंग नियमों का पालन करना होगा, जिसमें पिसाई की तिथि, पैकेजिंग की तिथि, एक्सपायरी डेट और विक्रेता का लाइसेंस नंबर शामिल है.
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खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड: सभी खाद्य कारोबारियों को खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा।
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नमूने फेल: देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर से लिए गए कुट्टू के आटे के 6 सैंपल फेल हो गए हैं, जिनमें मिलावट पाई गई है। इन मामलों में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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उपभोक्ताओं से अपील: उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे केवल सीलबंद पैकेट वाला कुट्टू का आटा ही खरीदें और पैकेट पर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
कार्रवाई के निर्देश:
आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिला अधिकारियों को इन नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मिलावटी कुट्टू के आटे से लोगों के बीमार होने की घटनाएं सामने आई हैं, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने खाद्य कारोबारियों को चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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