चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ जंग छेड़ते हुए राज्य में पहली बार ‘ड्रग सेंसस’ कराने का ऐलान किया है. इस सेंसस के लिए बजट में 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, सीमा पार से नशे की तस्करी रोकने के लिए सीमा पर BSF के साथ 5,000 होमगार्ड जवान तैनात किए जाएंगे और एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए जाएंगे.
ड्रग सेंसस:
यह सेंसस घर-घर जाकर किया जाएगा और लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, नशे के प्रचलन, और नशा मुक्ति केंद्रों के उपयोग से जुड़ा डेटा इकट्ठा किया जाएगा. इस डेटा के आधार पर अगले दो सालों में नशे की समस्या से निपटने के लिए एक कारगर और वैज्ञानिक रणनीति बनाई जाएगी.
सीमा सुरक्षा:
सीमा पार से नशे की तस्करी रोकने के लिए BSF के साथ 5,000 होमगार्ड जवानों की तैनाती की जाएगी. इन जवानों का चयन पंजाब के उन युवाओं में से किया जाएगा जो राज्य की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हों. इसके अलावा, ड्रोन से होने वाली तस्करी रोकने के लिए 110 करोड़ रुपये की लागत से एंटी-ड्रोन सिस्टम भी लगाए जाएंगे.
पुलिस सेवाओं में सुधार:
‘डायल 112’ सेवा को बेहतर बनाने के लिए 758 चार पहिया और 916 दो पहिया वाहन खरीदे जाएंगे, जिससे आपातकालीन सेवाओं का रिस्पांस टाइम घटकर 8 मिनट रह जाएगा. इसके लिए 125 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. राज्य में नए ‘डायल 112’ मुख्यालय बनाने के लिए 53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
शिक्षा पर ज़ोर:
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, और मेडिकल शिक्षा के बजट में बढ़ोतरी की गई है. शिक्षा के लिए पिछले साल के मुकाबले 988 करोड़ रुपये ज़्यादा, यानी कुल 17,975 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान के बजट में 27% की बढ़ोतरी करते हुए 1,336 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. तकनीकी शिक्षा के लिए 579 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पिछले साल से 17% ज़्यादा है. तकनीकी शिक्षा में 5,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी.
नया मेडिकल कॉलेज:
शहीद भगत सिंह नगर के बरनाला कलां गांव में 50 MBBS सीटों वाला एक नया मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. स्कूल शिक्षा में 425 प्राथमिक स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ हैप्पीनेस’ में बदला जाएगा. ‘युवा उद्यमी कार्यक्रम’ के ज़रिए छात्रों में नवाचार और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा दिया जाएगा. स्कूलों के बुनियादी ढांचे को भी बेहतर बनाया जाएगा. तकनीकी शिक्षा में आधुनिक, उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. व्यावसायिक शिक्षा में व्यावहारिक उद्योग अनुभव को शामिल करने के लिए प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली का विस्तार किया जाएगा.
खेलों को बढ़ावा:
युवाओं को नशे से दूर रखने और खेलों से जोड़ने के लिए खेल बजट को चार गुना बढ़ाकर 979 करोड़ रुपये कर दिया गया है. यह पिछली सरकारों द्वारा 2012 से 2022 तक के दस सालों में आवंटित कुल खेल बजट से भी ज़्यादा है. हर गाँव में खेल के मैदान और इंडोर जिम बनाने के लिए ज़मीन उपलब्ध कराई जाएगी. स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय खेलों जैसे वॉलीबॉल, कबड्डी, हॉकी, और फ़ुटबॉल को बढ़ावा दिया जाएगा.
Pls read:Punjab budget 2025-26: नशा विरोधी अभियान, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर ज़ोर