देहरादून: विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार, 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएँगे। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि कपाट बंद होने की तिथि आज विजय दशमी/ दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गई।
इस यात्रा वर्ष में अब तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम और साढ़े 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुँचे हैं। इस तरह, साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ के दर्शन कर लिए हैं और अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुँचे हैं।
गंगोत्री, तुंगनाथ और मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तारीखें भी तय:
-
गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को बंद होंगे।
-
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे।
-
तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे।
मद्महेश्वर मेला 23 नवंबर को आयोजित:
श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली 20 नवंबर को गौडार गांव, 21 नवंबर को रांसी, 22 नवंबर को गिरिया और 23 नवंबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। शनिवार, 23 नवंबर को श्री मद्महेश्वर मेला संपन्न होगा।
तुंगनाथ जी की देव डोली 7 नवंबर को मक्कूमठ पहुंचेगी:
कपाट बंद होने के बाद तृतीय केदार तुंगनाथ जी की चल विग्रह उत्सव डोली 4 नवंबर को चोपता, 5 नवंबर को भनकुन गुफा, 6 नवंबर को भी भनकुन प्रवास करेगी और 7 नवंबर को शीतकाल गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ मंदिर गर्भ गृह में शीतकाल हेतु विराजमान हो जाएगी।
यह यात्रा वर्ष द्वितीय केदार मद्महेश्वर में 13372 श्रद्धालु और तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी में 140322 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
Pls read:Uttarakhand: जमीन खरीद पर सरकार ने जांच और कड़ी की, 13 जिलों से मांगा गया ब्यौरा