महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस पर्व को शिव और पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन को शिव भक्त बेहद खास मानते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर भी है। कई लोग महाशिवरात्रि को ही शिवरात्रि भी बोलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये दोनों पर्व अलग-अलग महीने और दिन में पड़ते हैं। बहुत से लोग आज भी इस बात को नहीं जानते कि शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है। महाशिवरात्रि साल में 1 बार ही आती है। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो आदि था और न अंत। बताया जाता है कि शिवलिंग का पता लगाने के लिए ब्रह्माजी हंस के रूप में शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सफल नहीं हो सके। वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग तक पहुंच ही नहीं पाए। दूसरी ओर भगवान विष्णु भी वराह का रूप लेकर शिवलिंग के आधार ढूंढ रहे थे लेकिन उन्हें भी आधार नहीं मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *