अम्ब। यूक्रेन से घर पहुंची ऊना की कोमल के लिए बीते पांच दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे। अम्‍ब क्षेत्र के दियाड़ा निवासी कोमल ने बताया कि 23 तारीख को उनकी यूनिवर्सिटी से चंद दूरी पर ही एक बम गिरा था। जिसके बाद सभी छात्र डर गए। इसके बाद खाने के भंडारने को लेकर लोग जुट गए। बाजारों में एटीएम पूरी तरह खाली हो गए थे, कार्ड चलने बंद हो गए थे। 25 तारीख शाम को उन्हें ईवोन से रोमानिया के लिए बस के जरिये रवाना किया गया। 16 घंटे के बस के इस सफर में पूरे रास्ते दहश्त का माहौल रहा। बस से उतरने के बाद छह किलोमीटर का सफर उन्हें पैदल ही तय करना पड़ा। बार्डर क्रॉस करने के लिए करीब 5 से 6 घंटे तक लाइन में लगना पड़ा। रोमानिया बार्डर पर पहुंचने पर उन्हें बताया गया था कि उन्हें बाहर रहने खाने-पीने और वाशरुम तक की कोई व्यवस्था नहीं मिलेगी। इसके लिए उन्हें अपने स्तर पर ही प्रबंध करने पड़ेंगे।

कोमल ने बताया कि उसने अपना पूरा दिन व एक रात डर के साए में रोमानिया बॉर्डर पर व्यतीत किया। लगभग 24 घंटे के लंबे इंतजार के बाद उन्हें बस द्वारा एयरपोर्ट इंडियन अंबेसी के हवाले किया गया। इंडियन अंबेसी के अधिकारियों को मिलने के बाद उनके मन में छाए हुए डर का अंधेरा हटा और उसके चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आई। इंडियन अंबेसी के पास पहुंचने के बाद उनका भारत में आने और घर पहुंचने तक एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। रोमानिया से उन्हें मुफ्त में दिल्ली और दिल्ली से प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त में वोल्वो बस द्वारा घर पहुंचाया गया। घर पहुंचने के बाद ही परिवार ने सुकून की सांस ली है।

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