पाक पीएम इमरान खान ने अफगानिस्तान में अमेरिका के 20 साल लंबे ‘आतंक के खिलाफ युद्ध’ में शामिल होने के पाकिस्तानी फैसले पर खेद जताते हुए इसे ‘खुद का घाव’ व पैसे के लिए लिया गया निर्णय करार दिया। उन्होंने कहा, 2001 में जब यह फैसला लिया गया तब तत्कालीन सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ इस संबंध में निर्णय लेने वालों के करीबी थे। यह पाक अवाम के हित में नहीं था।इमरान खान ने पाकिस्तानी फैसले पर अफसोस जताते हुए माना कि अमेरिका के पक्ष में लिया गया यह निर्णय जनहित में नहीं बल्कि धन पाने के लिए लिया गया। पाक पीएम ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय के अफसरों को संबोधित करते हुए कहा, मैं अच्छी तरह जानता हूं कि फैसले के पीछे क्या विचार थे। इसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं।