2009 से 2013 के बीच की उत्तराखंड सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए फर्जी बिल घोटाले का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, स्वास्थ्य महानिदेशक, निदेशक स्वास्थ्य, टिहरी गढ़वाल, हरिद्वार तथा देहरादून के सीएमओ और एसएसपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। देहरादून निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि 2009 से 2013 की सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोगों की मिली भगत से सीएम की फ्लीट में गाड़ियां लगाई गईं, इन वाहनों के फर्जी बिल तैयार कर एक करोड़ 43 लाख के करीब भुगतान लिया गया। इस घपले की जांच हुई। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई।