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नैनीताल। गाजियाबाद विधायक महेंद्र भाटी की हत्या में सीबीआई अदालत से उम्रकैद की सजाप्राप्त परनीत भाटी को भी हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। अदालत मुख्य आरोपी डीपी यादव, लक्कड़ पाल और करन यादव को पहले ही दोषमुक्त कर चुकी है। सभी को देहरादून की सीबीआई अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल के दौरान सीबीआई इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ रही। जो भी सबूत जुटाए गए थे, उनमें भी विरोधाभास रहा है। उक्त की सजा को बढ़ाए जाने को लेकर दायर नीतीश भाटी की याचिका को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पूर्व में कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
यह था मामला
13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला पर लगा था। 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस आदेश को चारों ने हाईकोर्ट में अलग अलग अपील दायर कर चुनौती दी थी।