Uttarakhand: उत्तराखंड कैबिनेट ने प्राकृतिक गैस पर वैट घटाने और कलाकारों की पेंशन दोगुनी करने के प्रस्तावों को दी मंजूरी – The Hill News

Uttarakhand: उत्तराखंड कैबिनेट ने प्राकृतिक गैस पर वैट घटाने और कलाकारों की पेंशन दोगुनी करने के प्रस्तावों को दी मंजूरी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह आयोजित एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास और जनहित से जुड़े 11 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इन फैसलों में कर्मचारियों के स्वास्थ्य से लेकर सेब किसानों और कलाकारों तक को राहत देने का प्रयास किया गया है। सबसे बड़ा फैसला प्राकृतिक गैस को लेकर हुआ है जहां वित्त विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए नेचुरल गैस पर वैट की दर को 20 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे गैस के दामों में कमी आने की उम्मीद है।

कृषि क्षेत्र में भी सरकार ने संवेदनशील फैसला लिया है। धराली और आसपास के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रॉयल डिलिशियस सेब का दाम 51 रुपये और दूसरे रेड डेलिशियस सेब का दाम 45 रुपये प्रति किलो तय किया गया है। संस्कृति विभाग के प्रस्ताव पर कलाकारों और लेखकों की मासिक पेंशन को 3000 रुपये से बढ़ाकर सीधा 6000 रुपये कर दिया गया है जो उनके लिए बड़ी खुशखबरी है।

आवास विभाग के तहत इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए निम्न जोखिम वाले या छोटे व्यावसायिक भवनों के नक्शे अब एम्पैनल आर्किटेक्ट से पास कराए जा सकेंगे। औद्योगिक विकास के लिए भी ग्राउंड कवरेज बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बांस एवं रेशा विकास परिषद के ढांचे में बदलाव करते हुए तकनीकी स्टाफ को उपनल के बजाय आउटसोर्सिंग से रखने की व्यवस्था की गई है।

कर्मचारियों के लिए भी कैबिनेट ने खजाना खोला है। सिंचाई और लोक निर्माण विभाग के वर्क चार्ज एम्प्लॉइज को अब पेंशन का लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े सुधार करते हुए आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना को 100 प्रतिशत इंश्योरेंस मोड में संचालित करने का फैसला लिया गया है। गोल्डन कार्ड अब हाइब्रिड मोड में चलेगा जिसके तहत 5 लाख से कम के क्लेम इंश्योरेंस से और 5 लाख से ज्यादा के क्लेम ट्रस्ट मोड से भुगतान किए जाएंगे।

चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली को भी हरी झंडी मिल गई है। अब प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की उम्र सीमा 50 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। हल्द्वानी के स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 4 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। दुर्गम और अति दुर्गम इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का फैसला लिया गया है जिससे करीब 300 डॉक्टरों को फायदा होगा। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के समान कार्य समान वेतन मामले को कैबिनेट उपसमिति के पास भेजा गया है।

 

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