देहरादून। उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड और शीतलहर की आहट के बीच राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश भर में शीतलहर से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि वे अपने जिलों में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी नामित करें और तत्काल एक कोल्ड वेव एक्शन प्लान तैयार करें।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि बर्फबारी और पाला पड़ने वाले संवेदनशील क्षेत्रों को पहले से ही चिह्नित कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की पुख्ता व्यवस्था की जाए ताकि आम जनता को ठंड से राहत मिल सके। इसके अलावा सभी जिलों में अस्थाई रैनबसेरों का इंतजाम करने और उनकी देखरेख के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त करने को भी कहा गया। जरूरतमंदों को कंबल बांटने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखने के लिए मुख्य सचिव ने कहा कि आपातकालीन सेवाओं के लिए तैनात डॉक्टरों की सूची और उनके मोबाइल नंबर तैयार रखे जाएं। अस्पतालों में जरूरी दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक भी सुनिश्चित किया जाए। पशुओं की सुरक्षा का भी ध्यान रखते हुए उन्होंने पर्याप्त चारे और दवाइयों के भंडारण के साथ पशु चिकित्सकों की सूची तैयार करने को कहा।
बर्फबारी से प्रभावित होने वाले दूरदराज के इलाकों के लिए मार्च महीने तक का राशन, पेयजल और ईंधन का स्टॉक करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने साफ कहा कि दिसंबर के अंत तक यह भंडारण अनिवार्य रूप से हो जाना चाहिए। सड़कों को खुला रखने के लिए बर्फ हटाने वाले उपकरणों और रिफ्लेक्टर वाले साइनेज लगाने की भी बात कही गई। ट्रेकिंग कराने वाली संस्थाओं को भी सचेत किया गया है कि वे पर्यटकों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम करें। बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय और सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।