पौड़ी/देहरादून. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जंगली जानवरों और इंसानों के बीच का संघर्ष अक्सर चिंता का विषय बना रहता है। पौड़ी जनपद के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले काफी समय से खौफ का पर्याय बन चुके एक नरभक्षी गुलदार के आतंक का आखिरकार अंत हो गया है। वन विभाग द्वारा तैनात की गई विशेष टीम ने इस आदमखोर गुलदार को मार गिराया है। इस घटना के बाद गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है, जो पिछले कई दिनों से डर के साए में जीने को मजबूर थे।
इस ऑपरेशन की सफलता के पीछे राज्य सरकार की त्वरित और सख्त कार्यशैली की अहम भूमिका रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया था। गजेल्ड गांव में गुलदार के बढ़ते हमलों और ग्रामीणों की सुरक्षा को खतरे में देख मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट और कड़े निर्देश दिए थे। पुष्कर सिंह धामी ने साफ शब्दों में कहा था कि प्रदेश के नागरिकों और ग्रामीणों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वन विभाग को तत्काल प्रभाव से नरभक्षी को निष्क्रिय करने का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री के निर्देशों का अनुपालन करते हुए वन विभाग तुरंत हरकत में आया। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विभाग ने रणनीति तैयार की और पेशेवर शिकारियों की एक विशेष टीम को गजेल्ड गांव में तैनात किया। वन विभाग की टीमों ने आधुनिक उपकरणों और पारंपरिक ट्रैकिंग विधियों का इस्तेमाल करते हुए इलाके में सघन अभियान चलाया। दिन-रात की निगरानी और जंगलों में लगातार गश्त के बाद आखिरकार वन विभाग की टीम को कामयाबी मिली। टीम ने नरभक्षी गुलदार की लोकेशन ट्रेस की और सटीक निशाना लगाकर उसे ढेर कर दिया।
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