पंतनगर
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा लोहिया हेड मैदान में आयोजित एक भव्य कृषि गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी सरकार किसानों और सैनिकों के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने किसानों को देश का अन्नदाता बताते हुए कहा कि जब किसान मजबूत होगा, तभी देश और प्रदेश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे हरित क्रांति की जन्मस्थली बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में लगातार हो रहे नए शोध और नवाचारों का सीधा लाभ खेतों तक पहुंच रहा है। धामी ने प्रदर्शनी में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और वहां प्रदर्शित आधुनिक तकनीकों को किसानों के लिए बेहद लाभकारी बताया। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे केवल पारंपरिक खेती तक सीमित न रहें, बल्कि उन्नत बीजों और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर अपनी पैदावार बढ़ाएं।
किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री ने खेती के साथ-साथ अन्य सहायक व्यवसायों को अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने अपील की कि किसान पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, रेशम उत्पादन और शहद उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी हाथ आजमाएं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
कार्यक्रम का सबसे अहम पहलू गन्ना किसानों के लिए की गई बड़ी घोषणा रही। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि राज्य के इतिहास में पहली बार गन्ना किसानों को राहत देते हुए गन्ने के समर्थन मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से उत्साहित किसानों ने जोरदार नारेबाजी कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और आभार जताया। धामी ने किसानों से गन्ने का रकबा बढ़ाने की अपील की ताकि वे इस बढ़ी हुई कीमत का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस तरह के कृषि मेले और कार्यक्रम अब केवल एक जगह सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे प्रदेश में इनका आयोजन निरंतर किया जाएगा। इसका मकसद राज्य के दूर-दराज और सीमांत क्षेत्रों के किसानों तक आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी पहुंचाना है।
समारोह के दौरान महिला सशक्तिकरण और किसानों की मदद के लिए कई वितरण कार्यक्रम भी हुए। रीप परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को छह ई-रिक्शा की चाबियां सौंपी गईं। इसके अलावा कृषि विभाग के दो प्रगतिशील किसानों को 49,750 रुपये की अनुदान राशि के चेक दिए गए। साथ ही एक हजार किसानों के लिए तैयार की गई विशेष कृषक किटों में से पांच किट सांकेतिक रूप से मंच से वितरित की गईं। इस अवसर पर कुलपति मनमोहन सिंह चौहान, महापौर दीपक बाली, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया समेत कई पूर्व विधायक और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।