Himachal: धर्मशाला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंच से राधे राधे और राम राम बोलकर विरोधियों को दिया करारा जवाब – The Hill News

Himachal: धर्मशाला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंच से राधे राधे और राम राम बोलकर विरोधियों को दिया करारा जवाब

धर्मशाला

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपने विरोधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर ‘राधे-राधे’ बोलने को लेकर हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक सार्वजनिक मंच से अपने संबोधन की शुरुआत ‘राधे-राधे’ और ‘राम-राम’ के जयघोष के साथ की। मौका था नशे के खिलाफ आयोजित एक विशाल वाकाथान का जिसके समापन पर वह हजारों युवाओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री का यह अंदाज उन आलोचकों के लिए सीधा संदेश था जो पिछले कुछ दिनों से एक वायरल वीडियो को लेकर उन पर निशाना साध रहे थे।

संबोधन के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो लोग सनातन धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, वे उन्हें सनातन की परिभाषा न सिखाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म का असली मतलब अच्छे कर्म करना और दीन-दुखियों की सेवा करना है, न कि धर्म का राजनीतिकरण करना। उन्होंने अपने पारिवारिक संस्कारों का हवाला देते हुए कहा कि उनके घर में कन्या पूजन और गोवर्धन पूजा आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से होती आ रही है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तब उनकी सरकार ने ही प्रदेश में एक दिन के अवकाश की घोषणा की थी, जो उनकी आस्था को दर्शाता है।

वायरल वीडियो विवाद पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के पास मुद्दों का अभाव है, इसलिए वे छोटी-छोटी बातों को तूल दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के आईटी सेल और नेताओं ने जानबूझकर उस वीडियो को काट-छांट कर आधा-अधूरा पेश किया ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह साई मैदान में बच्चों से सहज भाव में बात कर रहे थे और उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा वाले कभी किसी के घर खाना खाने को मुद्दा बना देते हैं तो कभी बच्चों के साथ हुई बातचीत को राजनीतिक रंग दे देते हैं, क्योंकि उनके पास जनता के असली मुद्दों पर बोलने के लिए कुछ नहीं बचा है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तथाकथित ‘डबल इंजन’ की सरकार ने पांच साल तक हिमाचल प्रदेश की संपदा को दोनों हाथों से लुटाया है। उन्होंने एक बड़े जमीन घोटाले का जिक्र करते हुए दावा किया कि प्रदेश की बेशकीमती 4500 बीघा जमीन को ‘कस्टमाइज पैकेज’ के नाम पर मात्र एक करोड़ 22 लाख रुपये में दे दिया गया। सुक्खू ने कहा कि इतनी जमीन पर एक पूरा शहर बसाया जा सकता था और इसकी बाजार कीमत करीब पांच हजार करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि जनता को पता भी नहीं चलता और उनके हक का पैसा और संसाधन पिछली सरकार ने चहेतों को बांट दिए। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण से यह साफ कर दिया कि वह न केवल सांस्कृतिक मुद्दों पर बल्कि भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी विपक्ष को बख्शने के मूड में नहीं हैं।

 

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