चमोली/उत्तरकाशी। उत्तराखंड के चारों धामों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिससे कई वर्षों बाद अक्टूबर में ऐसा खूबसूरत नजारा देखने को मिला है। ऊंची चोटियां भी बर्फ से लकदक हैं और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, नीती और माणा घाटी में आज सुबह से बर्फबारी जारी है। वहीं गंगोत्री धाम की ऊंची चोटियों में भी बर्फबारी हो रही है।
पिछले दो दिनों से चमोली जनपद में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला लगातार जारी है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नर-नारायण पर्वत, उर्वशी पर्वत के साथ ही नीती और माणा घाटियों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। मौसम में अचानक आए इस बदलाव से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। निजमुला घाटी के ईराणी गांव के समीप की चोटियां भी बर्फ से लकदक हो गई हैं। गोपेश्वर, पोखरी, नंदानगर, कर्णप्रयाग, गौचर, गैरसैंण, थराली, देवाल, नारायणबगड़ क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है, जिससे लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।
उत्तराखंड के दो प्रमुख धाम बदरीनाथ और केदारनाथ समेत ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिला है। मैदानी इलाकों में हुई बारिश ने भी ठंड का अहसास कराया। आंकड़ों पर नजर डालें तो दून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री गिरावट के साथ 27.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, दोपहर बाद हुई तेज बारिश से न सिर्फ मौसम सुहाना हुआ, बल्कि ठंड के चलते लोगों को हल्के गर्म कपड़े भी निकालने पड़े। हालांकि रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा।
बारिश के आंकड़ों की बात करें तो अकेले दून में 9.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि बीते दिनों यह तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री तक की बढ़ोतरी के साथ दर्ज किया जा रहा था। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर ने बताया कि निम्न दबाव बनने के कारण उत्तराखंड में आठ अक्टूबर तक तेज बारिश होने की संभावना है। आज भी प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने के भी आसार हैं। उन्होंने बताया कि आठ अक्टूबर के बाद प्रदेश भर में मौसम शुष्क रहेगा। उन्होंने कहा कि पोस्ट मानसून में बारिश होती है, लेकिन मौसम के बदले पैटर्न और जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार बारिश अधिक हो रही है।
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