नई दिल्ली: लंदन स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) ने 800 पेज के लीक दस्तावेजों का खुलासा किया है। ये दस्तावेज रूस और चीन के बीच सैन्य सहयोग की चौंकाने वाली तस्वीर पेश करते हैं।
इन दस्तावेजों के अनुसार, रूस, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को हथियार और प्रशिक्षण देकर ताइवान पर संभावित हमले की तैयारी में मदद कर रहा है। यह खुलासा 23 मिलियन लोगों के स्व-शासित द्वीप ताइवान के लिए खतरे की घंटी है, जिस इलाके को चीन अपना बताता रहा है। रूस ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
हथियार ट्रांसफर को लेकर चल रही बात
दस्तावेजों से पता चलता है कि 2023 में रूस ने चीन को हमलावर वाहन, टैंक-रोधी तोपें और हवाई बख्तरबंद कर्मी वाहक बेचने का समझौता किया। ये वाहन चीनी विशिष्टताओं के अनुसार तैयार किए जाएंगे और रूस चीनी विशेष पैराट्रूपर बटालियन को इनके इस्तेमाल का प्रशिक्षण भी देगा। इसके अलावा, रूस ऐसी तकनीकों को ट्रांसफर करेगा, जिनसे चीन समान हथियार बना सके।
यह सहयोग चीन की हवाई युद्ध क्षमताओं को मजबूत करेगा, जहां मॉस्को की सैन्य विशेषज्ञता अभी भी PLA से बेहतर है। इससे ताइवान के तटीय बंदरगाहों और अंतर्देशीय ढांचे पर एक साथ हमले की आशंका बढ़ जाती है। RUSI की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चीन एयरबोर्न टैंक और सैनिकों को ताइवान के एयरपोर्ट और पोर्ट के पास उतारता है, तो वह तेजी से हमला कर सकता है और इन जगहों को कब्जे में लेकर बाकी सेना के लिए रास्ता साफ कर सकता है।
ताइवान के लिए खतरे की घंटी
ये लीक दस्तावेज रूस-चीन के गहराते सैन्य गठजोड़ की ओर इशारा करते हैं। ये ताइवान के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। रूस का यह समर्थन चीन को ताइवान पर आक्रामक रुख अपनाने के लिए और प्रोत्साहन दे सकता है। RUSI का कहना है कि ये दस्तावेज प्रामाणिक प्रतीत होते हैं और इनके कुछ हिस्सों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि की गई है। इस सहयोग से ताइवान पर चीन के संभावित हमले की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जिससे इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है। ताइवान के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का सैन्य सहयोग ताइवान की सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती पेश करता है और उन्हें अपनी रक्षा रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है, क्योंकि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
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