चंडीगढ़, : पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सोमवार को सदन को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार बाढ़ प्रभावित परिवारों को हुए हर एक नुकसान की भरपाई करेगी, चाहे वह फसलों, मवेशियों या मुर्गी पालन से संबंधित हो.
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान “पंजाब के पुनर्वास” प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर सूचियां तैयार की जा रही हैं और बिना किसी अपवाद के हर प्रभावित परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी.
मुंडियां ने कहा कि हाल की बाढ़ के दौरान पंजाब को अभूतपूर्व तबाही का सामना करना पड़ा और हजारों गांव व लाखों लोग प्रभावित हुए, लाखों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई और कीमती जानें चली गईं. राज्य को स्कूल, पशु चिकित्सालय, सड़कें और पशुधन-आधारित उद्यमों सहित बुनियादी ढांचे के बड़े पैमाने पर विनाश का भी सामना करना पड़ा.
राजस्व मंत्री ने कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल सहित विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना की कि वे इतने गंभीर संकट में भी राजनीतिक कीचड़ उछाल रहे हैं. उन्होंने कहा, “जब लोग अपनी जान और आजीविका बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब विपक्षी नेता त्रासदी से राजनीतिक रोटियां सेंकने में व्यस्त थे. मानवीय पीड़ा की कीमत पर ऐसी तुच्छ राजनीति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी हमला बोला कि वह संकट की इस घड़ी में पंजाब को सार्थक सहायता देने में विफल रही है. उन्होंने कहा, “बाढ़ प्रभावित राज्य की मदद करने के बजाय, केंद्रीय मंत्रियों और दौरे पर आई टीमों ने केवल तस्वीरें खिंचवाईं और वापस लौट गए. यह हमारे लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा था.”
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 20,000 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले प्रधानमंत्री की 1600 करोड़ रुपये की सांकेतिक घोषणा पंजाबियों के साथ एक क्रूर मजाक थी. उन्होंने आगे खुलासा किया कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान, जब उन्होंने प्रधानमंत्री से राहत राशि बढ़ाने का आग्रह किया, तो उनका मजाक उड़ाया गया और कहा गया “क्या आपको हिंदी नहीं आती.”
हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा, “मैं शब्दों से परे स्तब्ध था. पंजाब के दर्द को समझने के बजाय, प्रधानमंत्री ने हमारी भाषा और पंजाबियत का अपमान किया. यह स्पष्ट है कि वह अभी भी किसानों के विरोध का बदला ले रहे हैं.”
उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे भाजपा विधायक और नेता प्रधानमंत्री के सामने चुप रहे और उनमें पंजाब के मुद्दे को उठाने की हिम्मत नहीं थी. उन्होंने कहा, “वास्तव में, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बोलने से रोकने की कोशिश की. बाद में, भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने बेशर्मी से दावा किया कि वे मुझे जानते भी नहीं थे. अगर वे पंजाब के कैबिनेट मंत्री को भी नहीं जानते, तो उन्हें पूरी तरह से राजनीति छोड़ देनी चाहिए.”
राहत उपायों का विवरण देते हुए, मुंडियां ने कहा कि मान सरकार ने फसल के नुकसान का आकलन करने के लिए 13 सितंबर से विशेष गिरदावरी शुरू कर दी है, जबकि घरों और पशुधन के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं, जिनकी रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर उपायुक्तों को प्रस्तुत की जाएगी. उन्होंने बताया कि मान सरकार ने मुआवजे की दरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है. 26% से 32% के बीच फसल के नुकसान के लिए अब 10,000 रुपये प्रति एकड़, 33% से 75% के बीच के लिए भी 10,000 रुपये प्रति एकड़ और 76% से 100% नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा. इसी तरह, क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजे को कच्चा और पक्का दोनों तरह के घरों के लिए 40,000 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ा दिया गया है.
पशुधन के नुकसान पर, कैबिनेट मंत्री ने गायों और भैंसों जैसे दुधारू पशुओं के लिए 37,500 रुपये प्रति यूनिट, घोड़ों और बैलों जैसे गैर-दुधारू पशुओं के लिए 32,000 रुपये प्रति यूनिट, बछड़ों, गधों और टट्टू के लिए 20,000 रुपये प्रति यूनिट और प्रति मुर्गी पक्षी 100 रुपये तक के बढ़े हुए मुआवजे की घोषणा की.
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को उनके सक्रिय नेतृत्व के लिए और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को पार्टी कार्यकर्ताओं को पहले दिन से ही प्रभावित गांवों में पहुंचने, परिवारों और पशुधन को बचाने, भोजन, राशन और चारे की व्यवस्था करने का निर्देश देने के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “नाव चलाने से लेकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक, हमारे कार्यकर्ताओं और अधिकारियों ने सच्चे सेवादारों के रूप में काम किया.”
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