चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में आई बाढ़ के लिए मौसम विभाग के गलत अनुमानों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पूछा कि क्या इस एजेंसी को बने रहने का कोई अधिकार है. उन्होंने कहा कि जमाना कहां चला गया, इससे तो अच्छा होता हम गूगल पर देख लेते.
अगस्त महीने में मौसम विभाग के पूर्वानुमान और कुल हुई बारिश के एक-एक दिन का आंकड़ा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि यह बाढ़ अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश का पानी आने के कारण आई, न कि सरकार के प्रबंधन के असफल रहने के कारण.
आईएमडी के दावों पर उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को उसने 9 मिमी वर्षा की बात कही थी, जबकि 185 मिमी वर्षा हुई. 18 अगस्त को 15 मिमी की बात की वह भी पूर्वानुमानों से कहीं अधिक हुई. कभी 676 प्रतिशत अधिक वर्षा तो कभी 1961 प्रतिशत ज्यादा.
विधानसभा के विशेष सत्र में अपने एक घंटे से अधिक लंबे भाषण में मुख्यमंत्री मान ने विपक्ष के तीखे हमलों का जवाब दिया. भगवंत मान पंजाब में आई बाढ़ को लेकर विधानसभा में लाए गए पंजाब पुनर्वास पर सरकार की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने विपक्ष द्वारा बाढ़ पर राजनीति करने के खिलाफ उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या उत्तराखंड और हिमाचल की बाढ़ के लिए आप सरकार जिम्मेदार है?
मुख्यमंत्री का निशाना विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर भी था, जिन्होंने बाढ़ के लिए सीधे-सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए जल स्रोत विभाग के मंत्री बरिंदर गोयल से इस्तीफा देने और विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार को निलंबित करने की मांग की है.
दरियाओं की डीसिल्टिंग न करवाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह कानून किसने बनाया है? अब हमें दरियाओं की डीसिल्टिंग करने की इजाजत उच्च न्यायालय से मिल गई है.
कृष्ण कुमार का बचाव किया, बोले-जी-जान से करते हैं काम
मुख्यमंत्री ने जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार का भी बचाव किया और कहा कि जो अफसर जी-जान से काम करते हैं, उन्हें हतोत्साहित न किया करें. जो आरोप लगाने हैं, हम पर लगाएं.
कृष्ण कुमार सत्र के समय अफसर गैलरी में दिखाई नहीं दे रहे थे, जबकि वह गैलरी की सबसे पीछे वाली पंक्ति, जो अफसर गैलरी से कुछ नीचे है, पर लगी कुर्सी पर बैठे हुए थे.
कोई सफेद खून वाला ही रंगला पंजाब फंड के पैसे खाएगा
विपक्ष के नेता बाजवा के रंगला पंजाब विकास फंड को लेकर आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में सीएसआर का पैसा नहीं लिया जा सकता और न ही एमपीलैड का बीस लाख से अधिक पैसा लिया जा सकता है, इसलिए इस फंड को स्थापित किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस फंड का अध्यक्ष मुख्यमंत्री है और कोई सफेद खून वाला ही होगा जो इस दान के पैसे का एक पैसा भी खाएगा.
किसी की बीमारी का मजाक नहीं उड़ाएं
प्रधानमंत्री की आमद के समय मुख्यमंत्री के अस्पताल में भर्ती होने के मुद्दे पर भगवंत मान ने कहा कि किसी की बीमारी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कांगड़ा से आए और वहां भाजपा का कांग्रेस विंग बैठा था, 1600 करोड़ देकर चले गए. हमारे 2300 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, ऐसे में हर गांव के हिस्से में मात्र 80 लाख रुपए आएंगे.
पंजाबी भी तो दूसरे राज्यों में करते हैं ट्रक बिजनेस
मुख्यमंत्री मान ने पंजाब में दूसरे राज्यों से आए मजदूरों के खिलाफ कांग्रेस के सुखपाल खैहरा की मुहिम को लेकर कहा कि अपराध का कोई धर्म नहीं होता. यदि किसी ने कोई अपराध किया है तो इसका मतलब यह नहीं कि सभी को निकालने की मांग करने में लग जाओ.
हमारे लोग भी दूसरे राज्यों में ट्रकों आदि का बिजनेस करते हैं. फिर उनका क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेता है, उसे नहीं बख्शेंगे.