चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय स्मारक आयोजनों के लिए लोगो का अनावरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस अद्वितीय अवसर को पूरे राज्य में उचित तरीके से मनाने के लिए पहले से ही कई आयोजनों की रूपरेखा तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि ‘हिंद दी चादर’ (भारत के रक्षक) श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर पंजाब सरकार भव्य और ऐतिहासिक आयोजनों का आयोजन करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूरे राज्य में गहरी श्रद्धा और सम्मान के साथ कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 अक्टूबर को दिल्ली में एक विशाल कीर्तन दरबार आयोजित किया जाएगा और 25 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में एक बड़ा कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि चार नगर कीर्तन 20 नवंबर से जम्मू, गुरदासपुर, फरीदकोट और तख्त श्री दमदमा साहिब से शुरू होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभी चारों नगर कीर्तन 22 नवंबर की शाम को श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेंगे, और राज्य सरकार द्वारा 23 से 25 नवंबर तक पवित्र शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ऐतिहासिक आयोजन मुख्य रूप से राज्य सरकार के तत्वावधान में श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र भूमि पर होंगे। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों की श्रृंखला का अंतर्निहित संदेश लोगों को ‘हिंद दी चादर’ – नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा प्रचारित और अभ्यास किए गए धर्मनिरपेक्षता, मानवतावाद और बलिदान की भावना के उच्च आदर्शों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु जी ने पूजा की स्वतंत्रता के अधिकार और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के साथ मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु जी का सर्वोच्च बलिदान मानव जाति के इतिहास में अद्वितीय और अनुपम था और अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ धर्मयुद्ध का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर जी की बाणी मानवजाति की एकता, सार्वभौमिक भाईचारा, वीरता, धार्मिकता और करुणा का उपदेश देती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह आयोजनों की श्रृंखला महान सिख गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि होगी और लोगों को उनकी शिक्षाओं का सच्चे अर्थों में पालन करने के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समाज की सेवा, विशेष रूप से गरीबों और दलितों की सेवा में जाति, रंग, पंथ और धर्म के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर समर्पण और मिशनरी भावना के साथ खुद को फिर से समर्पित करने का एक पवित्र अवसर है। उन्होंने लोगों से सद्भाव और सामाजिक एकता की भावना प्रदर्शित करते हुए इस अवसर को मनाने की अपील की ताकि सामान्य रूप से हमारे देश और विशेष रूप से राज्य की एकता और अखंडता को मजबूत किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए और गुरु जी की शिक्षाओं को दुनिया के हर कोने में फैलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन और दर्शन पूरी मानवता के लिए एक प्रकाशस्तंभ है, और ये आयोजन एक ओर इस गौरवशाली विरासत को बनाए रखने में मदद करेंगे और दूसरी ओर सांप्रदायिक सद्भाव, भाईचारे और शांति के लोकाचार को और मजबूत करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन आयोजनों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि महान गुरु साहिब की गौरवशाली विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस नेक काम के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस, तरुणप्रीत सिंह सोंध और हरभजन सिंह ईटीओ, लोकसभा सांसद मलविंदर सिंह कंग, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, सलाहकार पर्यटन और सांस्कृतिक मामले दीपक बाली और अन्य भी उपस्थित थे।
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