Uttarakhand: उत्तराखंड में ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार’ महाअभियान ने पकड़ी रफ्तार 4.39 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिला लाभ

देहरादून। 17 सितंबर से लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती तक, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रदेश में “स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार” अभियान बड़े पैमाने पर संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के नेतृत्व में यह अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए एक संगठित आंदोलन का रूप ले चुका है।

अभियान की प्रमुख उपलब्धियां (17-23 सितंबर, 2025)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उत्तराखंड में आयोजित इस महाअभियान ने कम समय में व्यापक उपलब्धियां दर्ज की हैं। प्रदेशभर में 17 से 23 सितंबर 2025 तक कुल 9,112 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। इनमें से 249 विशेषता शिविर रहे, अब तक कुल 1,72,551 पुरुष व 2,67,422 महिलाओं ने इन शिविरों का लाभ उठाया। प्रदेशभर में 17 से 23 सितंबर तक कुल 4,39,973 लाभार्थियों ने इन शिविरों का लाभ उठाया।

महिलाओं, बच्चों और आमजन के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से विभिन्न बीमारियों की जांच और उपचार किया गया। 17 सितंबर से 23 सितंबर तक कुल 95,557 पुरुषों व 1,29,217 महिलाओं की हाइपरटेंशन जांच की गई। इसके साथ ही 85,643 पुरुषों व 1,24,234 महिलाओं की डायबिटीज जांच की गई। इसके साथ ही 52,491 पुरुषों व 1,54,124 महिलाओं की कैंसर स्क्रीनिंग जांच की गई।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (आरसीएच) अंतर्गत
17 सितंबर से 23 सितंबर तक कुल 46,523 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, 13,562 पुरुषों व 61,982 महिलाओं की एनीमिया जांच और 66,194 बच्चों का टीकाकरण किया गया। 30,875 पुरुषों व 45,711 अन्य गंभीर बीमारियों की, 2269 पुरुषों व 1847 महिलाओं की टीबी जांच और 43 लोगों की सिकल सेल डिजीज जांच की गई। विभिन्न कार्यक्रमों में 87,620 पुरुषों व 1,43,282 महिलाओं को परामर्श प्रदान किया गया। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत 7,694 कार्ड जारी किए गए और ई-रक्तकोश में 17 सितंबर से 23 सितंबर तक कुल 42,602 यूनिट रक्त का पंजीकरण हुआ। केंद्रीय सरकारी संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और निजी संगठनों के सहयोग से अब तक 10 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 2,748 लाभार्थियों को सेवाएं दी गईं।

अभियान की मुख्य गतिविधियां
राज्य के 13 जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों गतिविधियां एक साथ संचालित हो रही हैं, जिनमें स्वास्थ्य एवं रक्तदान शिविर, एनीमिया, क्षय रोग, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग, निक्षय मित्र पंजीकरण, निःशुल्क दवा वितरण, पोषण एवं स्वच्छता पर परामर्श, महिलाओं व किशोरियों के लिए स्वास्थ्य एवं कौशल जागरूकता सत्र, नेतृत्व और संदेश अभियान की मुख्य गतिविधियां रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की माताओं और बहनों का स्वास्थ्य सुदृढ़ करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्वस्थ महिला ही सशक्त परिवार और सशक्त समाज की आधारशिला है। ‘स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार’ अभियान के माध्यम से हम इस दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने भी बताया कि इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं को हर गांव और हर घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

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