लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की हिमाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से संबंधित प्राथमिकता वाले मुद्दों को हल करने के लिए गठित विशेष टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक के दौरान, राष्ट्रीय महत्व की चल रही और आगामी राजमार्ग परियोजनाओं के समय पर निष्पादन से संबंधित प्रमुख एजेंडा मदों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, पर्यावरणीय चिंताएं आदि शामिल थीं. ब्यास नदी की खुदाई और उपयोगिता स्थानांतरण, डंपिंग साइट आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गई. विचार-विमर्श ने आपदाओं के दौरान नुकसान को कम करने के लिए समयबद्ध तरीके से इन चुनौतियों को दूर करने के लिए अंतर-विभागीय समन्वय पर जोर दिया.
मंत्री ने सभी संबंधित विभागों को एनएचएआई और एमओआरटीएच अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में काम करने और लंबित मुद्दों को शीघ्रता से हल करने का निर्देश दिया.
मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि बुनियादी ढांचे का विकास, विशेष रूप से सड़कें, राज्य में पर्यटन, अर्थव्यवस्था और व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इन परियोजनाओं के समय पर निष्पादन में राज्य सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.
मंत्री ने एनएचएआई/एमओआरटीएच के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने वर्तमान मानसून के मौसम में अभूतपूर्व वर्षा के कारण हुई क्षति की बहाली और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में सराहनीय कार्य किया. उन्होंने एनएचएआई और एमओआरटीएच अधिकारियों को स्थानीय लोगों की वास्तविक शिकायतों का समाधान करने के लिए आवश्यक उपाय करने का भी निर्देश दिया.
बैठक में आर.डी. नज़ीम, अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन, उद्योग और लोक निर्माण), राखिल कहलोन, सचिव (जेएसवी), इंजीनियर-इन-चीफ, एचपीपीडब्ल्यूडी, मुख्य अभियंता (एनएच), ए.के. कुशवाहा, क्षेत्रीय अधिकारी एमओआरटीएच, कर्नल अजय बरगोटी, आरओ, एनएचएआई और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.