सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के अपने दौरे के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. जलपाईगुड़ी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पर कई मुद्दों पर निशाना साधा, जिनमें असम से बंगाल के लोगों को एनआरसी नोटिस भेजना, अन्य राज्यों में प्रवासी श्रमिकों पर अत्याचार और संघीय ढांचे में केंद्र का हस्तक्षेप शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार सघन मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगभग दो साल लगे थे, लेकिन अब इसे दो से तीन महीने में पूरा करने की बात कही जा रही है, जो “कैसे संभव है?”
ममता बनर्जी ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा, “दिल्ली नहीं, बंगाल ही बंगाल को चलाएगा.” उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर हो रहे अत्याचारों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “देखते हैं, किसमें कितनी हिम्मत है, कितना अत्याचार कर सकता है?”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अन्य राज्यों में बांग्ला भाषा बोलने वालों को “बांग्लादेशी” कहकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उन्हें जबरन बांग्लादेश भेजने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे “बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. इसके विपरीत, ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों के लोगों पर अत्याचार नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें प्यार दिया जाता है. उनके इस बयान से केंद्र और राज्य के बीच बढ़ती खींचतान एक बार फिर उजागर हुई.
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