Delhi: शिक्षा मंत्रालय ने जारी की NIRF रैंकिंग 2025: IISc बेंगलुरु और IIT मद्रास का दबदबा बरकरार – The Hill News

Delhi: शिक्षा मंत्रालय ने जारी की NIRF रैंकिंग 2025: IISc बेंगलुरु और IIT मद्रास का दबदबा बरकरार

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज, 04 सितंबर, 2025 को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 जारी कर दी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा जारी की गई यह रैंकिंग आधिकारिक वेबसाइट nirfindia.org पर उपलब्ध है. इस साल की रैंकिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु ने लगातार छठी बार ओवरऑल कैटेगरी में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जबकि IIT मद्रास ने इंजीनियरिंग और ओवरऑल कैटेगरी दोनों में अपना दबदबा बनाए रखा है.

यह NIRF रैंकिंग का 10वां संस्करण है. इस वर्ष, रैंकिंग कुल 17 कैटेगरी में जारी की गई है, जिसमें “सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG)” नामक एक नई कैटेगरी भी शामिल की गई है.

प्रमुख कैटेगरी और शीर्ष संस्थान:

ओवरऑल कैटेगरी:
ओवरऑल कैटेगरी में IIT मद्रास शीर्ष पर रहा, जिसके बाद IISc बेंगलुरु और IIT बॉम्बे क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

यूनिवर्सिटी कैटेगरी:
यूनिवर्सिटी कैटेगरी में IISc बेंगलुरु ने लगातार दसवें साल शीर्ष स्थान हासिल किया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) दूसरे स्थान पर और मणिपाल यूनिवर्सिटी ऑफ हायर एजुकेशन तीसरे स्थान पर रहा.

इंजीनियरिंग कॉलेज:
इंजीनियरिंग कॉलेज की लिस्ट में IIT मद्रास ने लगातार दसवें साल पहला स्थान बरकरार रखा है. IIT दिल्ली दूसरे और IIT बॉम्बे तीसरे स्थान पर रहा.

मेडिकल कॉलेज:
मेडिकल कॉलेज की लिस्ट में एम्स दिल्ली ने शीर्ष स्थान हासिल किया है, जिसके बाद पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

अन्य प्रमुख कैटेगरी में शीर्ष संस्थान:

  • रिसर्च इंस्टीट्यूशन: IISc बेंगलुरु

  • मैनेजमेंट: IIM अहमदाबाद

  • फार्मेसी: जामिया हमदर्द

  • लॉ: नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु

  • आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग: IIT रुड़की

  • कॉलेज: हिंदू कॉलेज

  • इनोवेशन: IIT मद्रास

  • ओपन यूनिवर्सिटी: इग्नू

  • स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी: जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता

  • सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG): IIT मद्रास

NIRF रैंकिंग शिक्षण, सीखने और संसाधन; अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास; स्नातक परिणाम; आउटरीच और समावेशिता; और धारणा जैसे मापदंडों के आधार पर संस्थानों का मूल्यांकन करती है.

 

Pls read:SC: पेड़ों के अवैध कटान से आई आपदा- बाढ़ और भूस्खलन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: केंद्र और राज्यों को नोटिस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *