नई दिल्ली: भारतीय ऑलराउंडर विजय शंकर ने हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट टीम से नाता तोड़कर त्रिपुरा का दामन थाम लिया है। 2025-26 के घरेलू क्रिकेट सीजन से पहले तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मिलने के बाद वे त्रिपुरा में शामिल हो गए थे। अब उन्होंने अपने इस बड़े फैसले के पीछे के कारणों पर चुप्पी तोड़ी है। 2012 से तमिलनाडु के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रहे विजय शंकर ने कहा कि लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं द्वारा बार-बार बेंच पर बिठाया जाना और उन्हें दरकिनार किया जाना उनके लिए निराशाजनक हो रहा था।
फैसले के पीछे का कारण: चयनकर्ताओं की ओर से स्पष्टता की कमी
शंकर ने खुलासा किया कि चयनकर्ताओं की ओर से लगातार स्पष्टता की कमी और कई मौकों पर टीम से बाहर किए जाने के कारण आखिरकार उन्हें यह बड़ा फैसला लेना पड़ा। द हिंदू से बातचीत में शंकर ने कहा, “कभी-कभी जब आप मजबूर होकर कोई फैसला लेते हैं तो आपको आगे बढ़कर मौके तलाशने चाहिए। मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेल रहा हूं। उससे भी जरूरी बात, मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मैं मैदान पर जाकर बस बैठकर पानी नहीं पिला सकता। इतने सालों तक खेलने के बाद यह काफी मुश्किल है।”
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में लगातार टीम में हो रहे बदलावों ने उनके लिए चीजों को काफी चुनौतीपूर्ण बना दिया था। हाल ही में चेन्नई में चल रहे बुची बाबू टूर्नामेंट के ग्रुप-स्टेज के तीन मैचों में से आखिरी दो मैचों के लिए उन्हें TNCA अध्यक्ष 11 से बाहर रखा गया, जिससे उनकी निराशा और बढ़ गई।
शंकर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “पिछले साल, मुझे पहले दो रणजी मैचों से बाहर कर दिया गया था और फिर मैंने वापसी की। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी मुझे आखिरी दो मैचों से बाहर कर दिया गया। उसके बाद यह काफी मुश्किल था। आपको किसी न किसी मोड़ पर स्पष्टता की जरूरत होती है। मुझे वह स्पष्टता नहीं मिल रही थी।”
विजय शंकर का तमिलनाडु के लिए प्रदर्शन:
तमिलनाडु के लिए खेलते हुए विजय शंकर ने मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई और तेज गेंदबाजी भी की। उन्होंने 81 रणजी ट्रॉफी पारियों में 44.25 की औसत से 3142 रन बनाए, जिसमें 11 शतक भी शामिल हैं। 2014-15 का सीजन उनके लिए सबसे बेहतरीन रहा, जब उन्होंने 57.70 की औसत से 577 रन बनाए। उन्होंने अब तक 43 रणजी विकेट भी लिए हैं।
अब त्रिपुरा के साथ जुड़कर विजय शंकर अपने क्रिकेट करियर में एक नई शुरुआत करने की उम्मीद कर रहे हैं, जहां उन्हें उम्मीद है कि उन्हें लगातार खेलने का मौका मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा का पूरा प्रदर्शन कर पाएंगे।
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