देहरादून/अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वर्चुअल माध्यम से अल्मोड़ा के मां नंदा देवी मेला-2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अल्मोड़ा वासियों सहित समूचे प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला हमारी लोक आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इसे सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी मंच बताया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा राजजात यात्रा को भव्य रूप में मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि 12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली इस यात्रा को दिव्य और भव्य बनाने में सरकार कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।
सांस्कृतिक विरासत का पुनरुत्थान और विकास कार्य
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान के “अमृतकाल” का उल्लेख करते हुए कहा कि धार्मिक धरोहरों को संवारने का कार्य अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के समग्र विकास के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और पहचान को सुरक्षित रखने हेतु दृढ़ संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है।
जागेश्वर धाम सौंदर्यीकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं का उन्नयन
मुख्यमंत्री ने “मानसखंड पर्वत माला मिशन” के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जागेश्वर में मंदिर परिसर के मूल स्वरूप को संरक्षित रखते हुए मास्टर प्लान के अनुसार सौंदर्यीकरण हेतु विभिन्न कार्य गतिमान हैं। इसके लिए प्रथम चरण में 146 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, वहीं दूसरे चरण के विकास कार्यों की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री ने बताया कि बेस अस्पताल के नए भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, और सोमेश्वर में 100 बेड के उपजिला चिकित्सालय में प्रथम चरण में 50 बेड के अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज हेतु 50 बेड के अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना भी की जा रही है। लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से अल्मोड़ा महिला चिकित्सालय का अपग्रेडेशन भी किया जा रहा है।
सड़क संपर्क, कनेक्टिविटी और आजीविका के अवसर
सड़क संपर्क के संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में अल्मोड़ा जनपद में 248 किमी सड़कों का निर्माण हुआ है। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत भी करोड़ों रुपये की लागत से विभिन्न मोटरमार्गों का निर्माण एवं नवीनीकरण कार्य किया गया है। लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से अल्मोड़ा-पौड़ी गढ़वाल-रुद्रप्रयाग को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण करवाया गया है, और लगभग 922 करोड़ रुपये की लागत से अल्मोड़ा-बागेश्वर सड़क के चौड़ीकरण को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
“उड़ान योजना” के अंतर्गत अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने और आवागमन सुगम बनाने के उद्देश्य से हेली सेवाएं भी प्रारंभ की गई हैं। सदी महर गाँव में 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लिफ्ट पंपिंग योजना के साथ ही जनपद में 25 से अधिक स्थलों पर पार्किंग निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में प्रशासनिक भवन का निर्माण भी किया जा रहा है, और डोल आश्रम के निकट चौखुटिया में हेलीपैड निर्माण की योजना पर भी कार्य चल रहा है। “नशा मुक्त उत्तराखंड” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में अल्मोड़ा में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना भी की गई है।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड, ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, और ‘वेड इन उत्तराखंड’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की बात कही। उन्होंने प्रधानमंत्री के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ” के मंत्र को अपनाकर स्थानीय उत्पादकों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया।
सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण और सख्त नीतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया गया है। लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को भी हटाया गया है। इसके अलावा, प्रदेश में पहली बार सख्त भू-कानून लाया गया है, जिससे किसानों की जमीनों को लैंड माफिया हड़प नहीं पाएंगे।
मदरसा बोर्ड समाप्त करने और “नंदादेवी हस्तशिल्प ग्राम” की घोषणा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में मदरसा बोर्ड को भी खत्म किया जा रहा है। इसके लागू होने के पश्चात 1 जुलाई 2026 के बाद वे मदरसे बंद हो जाएंगे जिनमें सरकारी बोर्ड का सेलेबस नहीं पढ़ाया जाएगा।
अंत में, मुख्यमंत्री ने मां नंदा देवी के ऐतिहासिक मंदिर का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य पारंपरिक पर्वतीय शैली के अनुरूप वृहद रूप से करने की घोषणा की। सरकार विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से डीनापानी में “नंदादेवी हस्तशिल्प ग्राम” की स्थापना भी करेगी। यह क्राफ्ट विलेज “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” के अंतर्गत स्थानीय महिला उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों सहित विभिन्न ताम्र वस्तुओं, ऐपण कला, काष्ठशिल्प और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प को बढ़ावा देगा, साथ ही इन उत्पादों को देश-विदेश के बाजार से भी जोड़ा जा सकेगा
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