बड़कोट: उत्तराखंड के स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बन रही एक अस्थाई झील अब बड़े खतरे का कारण बन गई है। इस झील में लगातार मलबा भरने से नदी का तल काफी ऊंचा हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप नदी का तेज बहाव यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने मोटर पुल को छूने लगा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि मोटर पुल के साथ-साथ नदी किनारे बने कई होटलों की निचली मंजिलें भी पानी में डूब गई हैं, जिससे संपत्ति और जीवन दोनों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि इन बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए नदी का चैनलाइजेशन (नदी के प्रवाह को नियंत्रित करना) अत्यंत आवश्यक है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए सिंचाई विभाग मशीनों को नदी तक पहुंचाने का रास्ता तैयार कर रहा है।
स्थानीय निवासी बलदेव राणा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके होटल की दीवार यमुना नदी के कटाव से ढह गई है, जिससे उनके होटल की सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। वहीं, जयपाल सिंह और रामलाल उनियाल का कहना है कि झील में अत्यधिक सिल्ट (गाद) भर जाने से नदी का तल ऊपर उठ चुका है और यमुना का बहाव काफी तीव्र हो गया है, जो आसपास की आबादी के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
स्थानीय लोग प्रशासन से शीघ्र और प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि महत्वपूर्ण मोटर पुल और नदी किनारे बसी बस्तियों को संभावित आपदा से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने किया दौरा, राहत का आश्वासन
इसी बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्यानाचट्टी के आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने आपदा प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि “प्रदेश सरकार हर आपदा प्रभावित के साथ खड़ी है”। मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उनके दौरे से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है कि सरकार इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई करेगी।