देहरादून, 20 अगस्त, 2025:
उत्तराखंड विधानसभा का सत्र बुधवार को विपक्ष के भारी हंगामे और शोर-शराबे के बीच संपन्न हो गया। हंगामे के बावजूद, सदन में कुल नौ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा, खासकर उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक, समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक और संशोधित सख्त धर्मांतरण कानून जैसे प्रमुख विधेयकों के पारित होने के कारण।
सदन में दोपहर 01:20 बजे तक की अपडेट के अनुसार, सभी नौ विधेयक सफलतापूर्वक पारित हो चुके थे। इनमें से सबसे प्रमुख ‘उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक’ भी शामिल है। इस विधेयक के पारित होने से राज्य में सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक प्राधिकरण का गठन होगा, जिसका एक मुख्य कार्य मदरसों को मान्यता प्रदान करना भी होगा। यह कदम अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण विधेयक, ‘समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक’, भी सदन में पारित किया गया। इस विधेयक के तहत, गलत तरीके से लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले व्यक्तियों के लिए सजा को बढ़ा दिया गया है, जो संबंधों की वैधानिकता और सामाजिक मर्यादाओं को बनाए रखने की दिशा में सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
इसी क्रम में, राज्य में ‘संशोधित सख्त धर्मांतरण कानून’ भी पास हुआ। सरकार ने इस कानून को और अधिक कठोर बनाया है, जिसके तहत जबरन धर्मांतरण के मामलों में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने और जबरन धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाया गया है।
वित्तीय मोर्चे पर, विपक्ष के जोरदार हंगामे के बावजूद, उत्तराखंड का 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी सदन में पारित कर दिया गया। यह बजट राज्य के विभिन्न विकास कार्यों और योजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष का लगातार हंगामा जारी रहा। कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विभिन्न विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन पटल पर रखे जा रहे थे, लेकिन विपक्ष ने नारेबाजी और प्रदर्शन जारी रखा। कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने विरोध स्वरूप सदन में कागज फाड़कर उछाले, जबकि निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हो गए और पोस्टर दिखाने का प्रयास किया, जिसे मार्शलों ने हटा दिया।
सदन की कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा। पहले दिन से ही स्थगन का सिलसिला जारी रहा। बुधवार को भी सदन स्थगन की अवधि को 10 मिनट और बढ़ाया गया था। पहले दिन सदन की कार्यवाही 11:07 बजे से 11:20 बजे, फिर 11:20 बजे से 11:30 बजे, 11:30 बजे से 11:50 बजे, 11:50 बजे से 12:00 बजे, 1:25 बजे से 3:00 बजे, 3:25 बजे से 4:00 बजे और अंततः 4:08 बजे से बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित की गई थी।
भारी हंगामे और कई बार के स्थगन के बावजूद, सरकार नौ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सफल रही, जिसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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