धराली। उत्तराखंड के आपदा प्रभावित धराली गांव में स्वतंत्रता दिवस का महापर्व आपदा के गहरे जख्मों पर भारी पड़ा। खीरगंगा नदी के तट पर सुरक्षित बचे समेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में आज 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया गया, जिसके साथ ही ग्रामीणों ने विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए अपने जीवन को नए सिरे से संवारने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।
हाल ही में धराली गांव में आई अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा देश के इस स्वाभाविक सीमा प्रहरी, सीमांत क्षेत्र के निवासियों की देशभक्ति के जज्बे और विषम परिस्थितियों से लड़ने के जीवट को बिल्कुल भी डिगा नहीं पाई। स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर आपदा प्रभावित धराली गांव में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों के साथ स्थानीय ग्रामीण समेश्वर देवता मंदिर के प्रांगण में एकत्रित हुए और पूरे उत्साह के साथ ध्वजारोहण किया। इस दौरान एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने ध्वजारोहण कर आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस भावुक अवसर पर आपदा में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। उपस्थित सभी लोगों ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं।
ध्वजारोहण के अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद आपदा प्रभावितों ने देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इस मौके पर ग्रामीणों ने आपदा के प्रभावों से एकजुट होकर उबरने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में जुटे विभिन्न विभागों, एजेंसियों और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। यह आयोजन आपदा के बावजूद ग्रामीणों के अटूट साहस, देशभक्ति और एकजुटता का प्रतीक बन गया।
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