चंबा (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर कहर बरपाया है। सुरक्षा कारणों के चलते प्रशासन ने यात्रा को हड़सर से आगे पूरी तरह रोक दिया है। इसी बीच, धनछो के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से जम्मू-कश्मीर के एक श्रद्धालु की दर्दनाक मौत हो गई, जिससे यात्रा मार्ग पर दहशत का माहौल है।
मृतक की पहचान 41 वर्षीय देवेंद्र सिंह पुत्र गोपी चंद, निवासी गांव डोडा, जम्मू-कश्मीर के रूप में हुई है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह गुईनाला के समीप यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। इस घटना के बाद से ही अन्य श्रद्धालुओं में भय का माहौल व्याप्त हो गया है।
हजारों श्रद्धालु फंसे, जन्माष्टमी का स्नान भी प्रभावित
यह आपदा ऐसे समय में आई है जब हजारों श्रद्धालु 16 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर मणिमहेश झील में होने वाले ‘छोटा न्हौण’ (पवित्र स्नान) के लिए यात्रा पर निकले थे। यात्रा पर अचानक रोक और सड़कों के बंद होने के कारण, ये सभी श्रद्धालु चंबा, भरमौर और हड़सर जैसे विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं।
चंबा-भरमौर नेशनल हाईवे पर भी मुश्किल सफर
भारी बारिश के कारण चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। इसके चलते हाईवे पर लंबा जाम लग गया है और श्रद्धालु घंटों तक फंसे रहे। प्रशासन के अनुसार, मार्ग के कई हिस्सों में बड़े-बड़े पत्थर और भारी मलबा गिरने से वाहन चालकों और पैदल यात्रियों की जान को गंभीर खतरा बना हुआ है। लोक निर्माण विभाग की टीमें जेसीबी मशीनों की मदद से मार्ग को खोलने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से काम में बाधा आ रही है।
प्रशासन ने जारी की सख्त चेतावनी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने श्रद्धालुओं और आम जनता से मौसम में सुधार आने तक यात्रा न करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि गुरुवार को चंबा मुख्यालय से आगे किसी भी यात्री को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और हड़सर से ऊपर का मार्ग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टोल-फ्री नंबर 98166-98166 और 1077 भी जारी किए हैं, ताकि जरूरतमंदों तक तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।
हड़सर और आसपास के इलाकों में फंसे श्रद्धालुओं को अस्थायी आश्रयों और धर्मशालाओं में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जब तक मौसम पूरी तरह साफ नहीं हो जाता और यात्रा मार्ग सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक मणिमहेश यात्रा को फिर से शुरू नहीं किया जाएगा।
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