नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल में पिछले एक सप्ताह से जारी मूसलाधार वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश से शहर के नालों और प्राकृतिक जल स्रोतों से भारी मात्रा में पानी विश्व प्रसिद्ध नैनी झील में पहुँच रहा है, जिससे झील का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुँच गया है। मंगलवार को झील का जलस्तर अगस्त माह के लिए निर्धारित 87.2 फीट के उच्चतम स्तर को छू गया, जिसके बाद सिंचाई विभाग ने एहतियातन झील के निकासी गेट खोल दिए हैं।
शहर में बीते एक सप्ताह से वर्षा का दौर लगातार जारी है, जिसके चलते नैनी झील का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। ब्रिटिशकाल में तय किए गए मानकों के अनुसार, जब झील का जलस्तर अधिकतम सीमा पर पहुँच गया, तो सिंचाई विभाग ने तत्काल आपदा नियंत्रण कक्ष को इसकी सूचना दी। इसके बाद प्रशासनिक मशीनरी हरकत में आ गई।
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए, झील के निचले क्षेत्रों जैसे हरिनगर, धोबीघाट और वीरभट्टी में रहने वाले लोगों को इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से तत्काल सूचित किया गया। इसके साथ ही, स्थानीय पुलिस ने इन इलाकों में मुनादी कराकर लोगों से निकासी नाले से दूर रहने और सतर्क रहने की अपील की, ताकि पानी के तेज बहाव से कोई हादसा न हो।
सुबह करीब 11 बजे, जब जलस्तर 87.2 फीट पर स्थिर हो गया, सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने झील के दोनों निकासी गेटों को दो-दो इंच खोलकर अतिरिक्त पानी की निकासी शुरू कर दी।
झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश सिंह गैड़ा ने बताया कि फिलहाल दोनों गेटों से दो-दो इंच पानी छोड़ा जा रहा है ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। यदि बारिश जारी रहती है और झील में पानी की आवक कम नहीं होती है, तो जलस्तर को स्थिर रखने के लिए निकासी की मात्रा और बढ़ाई जाएगी।” प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।