Uttarakhand: फ्री गैस रिफिल के लिए अब DBT से मिलेगा पैसा, CM धामी का निर्देश- सिर्फ सिलेंडर भराने में हो उपयोग

देहरादून:

उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के क्रियान्वयन में एक बड़ा बदलाव किया है। अब इस योजना के तहत लाभार्थियों को सिलेंडर भरवाने के लिए धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में (डी.बी.टी. के माध्यम से) भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने खाद्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि इस धनराशि का उपयोग लाभार्थी केवल सिलेंडर रिफिल कराने के लिए ही कर सकें, इसके लिए एक प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए।

गुरुवार को सचिवालय में खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना का लाभ राज्य के सभी 1.84 लाख अन्त्योदय कार्डधारक परिवारों को शत-प्रतिशत मिलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, और इस योजना से प्रदेश के लगभग 10 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

राशन व्यवस्था में पारदर्शिता और सख्ती के निर्देश

मुख्यमंत्री ने बैठक में राशन वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए कई कड़े निर्देश दिए:

  • डेटा अपडेशन: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी लाभार्थियों का डेटा तत्काल अद्यतन किया जाए।

  • बायोमेट्रिक समस्या का समाधान: वरिष्ठ नागरिकों और अन्य पात्र लोगों को बायोमेट्रिक कठिनाइयों के कारण राशन से वंचित न रहना पड़े। ऐसे मामलों में ऑफलाइन प्रमाणीकरण या वैकल्पिक प्रणालियों से राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए।

  • फर्जी कार्डों पर कार्रवाई: फर्जी राशन कार्डों की पहचान कर संबंधित व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

  • लापरवाही पर निलंबन: राशन वितरण में लापरवाही या अनियमितता बरतने वाले डीलरों और अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।

  • ऑनलाइन निगरानी: ई-पूर्ति पोर्टल पर रियल टाइम ट्रांजैक्शन डेटा की निगरानी सुनिश्चित की जाए और आधार सीडिंग व मोबाइल ओटीपी आधारित वितरण प्रणाली को और सशक्त बनाया जाए।

भंडारण और आपूर्ति व्यवस्था होगी मजबूत

मुख्यमंत्री ने दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में समय पर राशन पहुंचाने के लिए पूर्व-स्टॉकिंग की ठोस व्यवस्था हो। राज्य के गोदामों की भौतिक स्थिति की समीक्षा कर उनके आधुनिकीकरण और विस्तार की योजना बनाई जाए तथा हर जिले के लिए बफर स्टॉक की योजना भी तैयार की जाए। साथ ही, मिड-डे मील एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को समय पर खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।

 

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