नई दिल्ली/देहरादून।
उत्तराखंड से लौटने के दो दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खुलकर तारीफ करने से राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। शाह ने उत्तराखंड में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारने को ‘पहाड़ चढ़ने जैसा कठिन’ कार्य बताते हुए इसका श्रेय मुख्यमंत्री धामी को दिया है। इस सार्वजनिक प्रशंसा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह के भी धामी पर बढ़ते भरोसे और मजबूत होते संबंधों के तौर पर देखा जा रहा है।
दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम बीते शनिवार को रुद्रपुर में आयोजित ‘निवेश उत्सव’ से जुड़ा है। इस कार्यक्रम में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के धरातल पर उतरने का जश्न मनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान भी शाह और मुख्यमंत्री धामी के बीच एक बेहतरीन तालमेल (कैमिस्ट्री) देखने को मिला था। उस समय भी गृह मंत्री ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के वादों को हकीकत में बदलने पर खुशी जताते हुए जिस तरह सार्वजनिक मंच पर मुख्यमंत्री धामी की पीठ थपथपाई थी, उसने राजनीतिक हलकों में एक नई चर्चा छेड़ दी थी।
अब सोमवार को अमित शाह की नई फेसबुक पोस्ट ने उन चर्चाओं को और बल दे दिया है। अपनी पोस्ट में गृह मंत्री ने लिखा, “मैदानी राज्य में इन्वेस्टमेंट लाने के मुकाबले पहाड़ी राज्य में निवेश लाना पहाड़ चढ़ने जैसा कठिन होता है। सारी परंपरागत कल्पनाओं को तोड़ते हुए आज एक लाख करोड़ से अधिक का इन्वेस्टमेंट यहां आया है।” उन्होंने इस असाधारण उपलब्धि के लिए पूरे उत्तराखंड की जनता के प्रतिनिधि के तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया।
सियासी गलियारों में इस पोस्ट के गहरे मायने निकाले जा रहे हैं। अब तक मुख्यमंत्री धामी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता रहा है, लेकिन शाह की इस पोस्ट ने साफ कर दिया है कि उनकी धमक पार्टी के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता के फलक पर भी है। माना जा रहा है कि इस सफल आयोजन के बाद गृह मंत्री का मुख्यमंत्री धामी पर विश्वास और मजबूत हुआ है और दोनों के बीच नजदीकियां और प्रगाढ़ हुई हैं। शाह की इस सार्वजनिक प्रशंसा ने जहां धामी के राजनीतिक विरोधियों और उन्हें कम पसंद करने वालों की बेचैनी बढ़ा दी है, वहीं राज्य भाजपा के मंच पर भी एक स्पष्ट संदेश दिया है।
कुल मिलाकर, केंद्रीय गृह मंत्री की यह तारीफ सिर्फ एक सामान्य पोस्ट नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व पर केंद्रीय आलाकमान की मुहर के रूप में देखी जा रही है। इस घटनाक्रम ने उत्तराखंड की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है, जिसके दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।